शराब से 30 लोगों की मौत पर मंत्री बोले -‘खेलकूद से पावर बढ़ाओ – जहरीली शराब बर्दाश्त कर लोगे.’
छपरा
बिहार के छपरा में जहरीली शराब से अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई गई है. छपरा सदर अस्पताल में बुधवार रात 11 बजे के आसपास इलाज के दौरान एक और व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई लोगों के आंखों की रोशनी जाने की खबरें भी सामने आ रही हैं.
ऐसे में एक तरफ जहां बिहार के मुख्यमंत्री जहरीली शराब के मुद्दे को लेकर विधानसभा में नाराज हो गए, वहीं अब उनके मंत्री समीर महासेठ ने इसको लेकर बेतुका बयान दिया है.
दरअसल एक खेल कार्यक्रम में पहुंचने के बाद जब महागठबंधन सरकार में आरजेडी कोटे से मंत्री समीर महासेठ से लोगों की मौत को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'खेलकूद से पावर बढ़ाओ – जहरीली शराब बर्दाश्त कर लोगे.'
वो यहीं नहीं रुके और आगे कहा, 'बिहार में मिलने वाली शराब जहर है और इन जहरीली शराब को पीने और मरने से बचना है तो इम्युनिटी बढ़ाओ.' बता दें कि इससे पहले जहरीली शराब से मौत को लेकर पूछ गए सवाल पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर ही हमला बोल दिया था.
आरजेडी विधायक ने उड़ाया मौत का मजाक
वहीं आरजेडी विधायक रामबली चंद्रवंशी ने तो जहरीली शराब से हुई मौत का ही मजाक उड़ा दिया. उन्होंने कहा कि शराब से लोग मर रहे हैं, दूसरी बीमारी और दूसरी दुर्घटना से भी मर रहे हैं, मरना-जीना बड़ी बात नहीं है.
जहरीली शराब से इन लोगों की हो चुकी है मौत
बता दें कि जहरीली शराब से मौत होने के बाद छपरा में कोहराम मचा हुआ है, अभी भी कई लोग अस्पताल में मौत से लड़ रहे हैं.
जहरीली शराब की वजह से जिन लोगों की मौत हो चुकी है उनमें विजेन्द्र राय, हरेंद्र राम, रामजी साह, अमित रंजन, संजय सिंह, कुणाल सिंह, अजय गिरी, मुकेश शर्मा, भरत राम, जयदेव सिंह, मनोज राम, मंगल राय, नासिर हुसैन, रमेश राम, चन्द्रमा राम, विक्की महतो, गोविंद राय, ललन राम, प्रेमचंद साह, दिनेश ठाकुर, सीताराम, विश्वकर्मा पटेल, जयप्रकाश सिंह, सुरेन साह, जतन साह,सुरेन साह, विक्रम राज, दशरथ महतो, केसर महतो शामिल हैं. जहरीली शराब पीने से एक ही घर में पिता और बेटे की भी मौत हुई है.
जहरीली शराब से दो दर्जन से भी ज्यादा लोगों की मौत के बाद जब वहां लोगों से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, लगातार पीते थे, मिल रहा है तो पी ही रहे हैं, सब जगह मिल रहा है. लोग ऐसे ही मर रहे हैं, मुख्यमंत्री तो कहते हैं कि नहीं मिलता. मुख्यमंत्री ही जानेंगे कि बंद है कि मिल रहा है, मिल रहा है तभी तो पीकर मर गए. बता दें कि बिहार में बीते 6 साल से पूर्ण शराबबंदी लागू है.