प्राकृतिक रेत पर निर्भरता कम करने सरकार अनुपयोगी पत्थरों से रेत तैयार करेगी
भोपाल
प्रदेश में नदियों से निकलने वाली प्राकृतिक रेत पर निर्भरता कम करने राज्य सरकार अनुपयोगी पत्थरों से रेत तैयार करने एम सेंड के आवेदनों को मंजूरी देगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे।
खनिज विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए है कि मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम में स्वीकृत उत्खनिपट्टों में अन्य खनिज जोड़ने का प्रावधान है। पूर्व में चार मई से उत्खनिपट्टों में अनुपयोगी खनिज पत्थर ओवर बर्डन से निर्मित रेत यांत्रिक क्रिया द्वारा के संबंध में अनुमति दिए जाने के प्रावधान किए गए है। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम में 22 जनवरी 2021 को हुए संशोधन के अनुसार उत्खननपट्टे के आवेदन प्रस्तुत किये जाने की प्रक्रिया आॅनलाईन की गई थी जिसमें एम सेंड हेतु आवेदन प्रस्तुत करने की व्यवस्था उस समय नहीं की जा सकी थी। इसके चलते जो आवेदन एम सेंड हेतु आवेदन प्रस्तुत करना चाहते थे वे ऐसा आवेदन पत्र प्रस्तुत करने से वंचित रह गए। एम सेंड हेतु पोर्टल में ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करने की व्यवस्था प्रारंभ की जा चुकी है। ऐसे आवेदक जो ऑनलाइनआवेदन पत्र में पत्थर से निर्मित रेत यांत्रिक क्रिया द्वारा के लिए आवेदन नहीं कर पाए है उनके लिए प्रक्रिया निर्धारित की जा रही है।
प्राकृतिक रेत पर निर्भरता को कम करने के लिए अनुपयोगी पत्थरों की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए खनिज पत्थर से निर्मित रेत को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन प्रस्तुत आवेदनों के परिप्रेक्ष्य में मूल ऑनलाइन आवेदन के साथ अतिरिक्त खनिज अनुसूची एक में खनिज पत्थर से निर्मित रेत जोड़ने के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित कर दी गई है।
एम सेंड जोड़ने से पहले सैद्धांतिक मंजूरी प्राधिकारी को आवेदक द्वारा लिखित में अपना आवेदन देना होगा। आवेदन के परीक्षण के बाद मंजूरी प्राधिकारी इस आशय की सूचना संबंधित पट्टेदार को देगा। उत्खनिपट्टा स्वीकृति हेतु प्रस्तुत आवेदनों के संबंध में जिले के आवेदन प्राप्त करने हेतु प्राधिकृत अधिकारी को आवेदक द्वारा लिखित में अपना आवेदन करना होगा। ऐसे आवेदक जिनकी ग्रेनाइट खनिज की पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति पूर्व में स्वीकृत थी तथा पूर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर उत्खनिपट्टा स्वीकृति हेतु आवेदन किया गया है तो प्रस्तुत आवेदन में संबंधित जिले के आवेदन प्राप्त करने हेतु प्राधिकृत अधिकारी को आवेदक द्वारा लिखित में अपना आवेदन देना होगा। इसके परीक्षण के बाद जिला स्तर से सक्षम प्राधिकारी इस आशय की सूचना संबंधित आवेदक को देगा इसके लिए अलग से कोई शुल्क देय नहीं होगा। यदि किसी आवेदक द्वारा एम सेंड निर्माण के लिए पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा लेने आवेदन किया जाता है तब उसका निराकरण मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम के प्रावधानों के अंतर्गत किया जा सकेगा।