लखनऊ केजीएमयू के अफसरों का बेतुका आदेश, नई व्यवस्था ने बढ़ाई मरीजों की परेशानी
लखनऊ
सस्ती दवाओं की कालाबाजारी रोक पाने में नाकाम केजीएमयू के अफसरों ने बेतुका आदेश दिया है। अफसरों ने कहा कि पहले ओपीडी पर्चे की फोटोकापी लाओ तभी सस्ती दवाएं मिलेंगी। अफसरों के मनमाने आदेश का खामियाजा बेबस मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना पांच से छह हजार मरीज आ रहे हैं। इन मरीजों को सस्ती दर पर दवा मुहैया कराने के लिए हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) के स्टोर खोले गए हैं। एचआरएफ के 14 स्टोर में मरीजों को 30 से 70 फीसदी कम कीमत पर दवाएं मिल रही हैं।
नए नियम बना मरीजों के गले की फांस
कर्मचारियों ने मरीजों के हक की दवाओं की कालाबाजारी शुरू की। एसटीएफ ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की करतूतों का पर्दाफाश किया। कालाबाजारी के आरोप में करीब 10 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया। दवाओं की कालाबाजारी रोक पाने में नाकाम अधिकारियों ने नए नियम लागू किए हैं। जो कि मरीजों के गले की फांस बन गया है।
फोटोकापी के लिए भटक रहे मरीज
नए नियम के तहत ओपीडी में मरीज डॉक्टर की सलाह लेंगे। फिर जिस ओपीडी पर्चे पर डॉक्टर दवा लिखेंगे उसकी फोटो कापी मरीज को करानी होगी। यह फोटोकापी एचआरएफ के स्टोर में जमा होगी। उसके बाद ही मरीज को दवा मिल सकेगी। अब मरीज पर्चे की फोटोकापी कराने के लिए आधा से एक किलोमीटर तक का सफर तय कर रहे हैं।
लारी में सबसे ज्यादा मरीज बेहाल
मरीज सस्ती दवा को लेकर भटक रहे। फोटो कापी कराने के लिए मरीजों को शाहमीना शाह बाबा की मजार तक की दौड़ लगानी पड़ी। बड़ी संख्या में मरीजों को मेडिकल स्टोर के एजेंट घेर रहे हैं। फुसलाकर मेडिकल स्टोर से दवा खरीदवा रहे हैं।