उमेश कोल्हे के मर्डर में निकला तबलीगी जमात ऐंगल, नवनीत राणा का उद्धव ठाकरे पर वार
अमरावती
अमरावती में नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट शेयर करने पर उमेश कोल्हे की हत्या के मामले में तबलीगी जमात का ऐंगल निकला है। इस मामले की जांच कर रही एनआईए ने 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एजेंसी का कहना है कि इन लोगों ने तबलीगी जमात में ट्रेनिंग ली थी और कट्टरपंथ के गहरे प्रभाव में थे। अब इस खुलासे पर अमरावती की सांसद नवनीत राणा का बयान भी सामने आया है और उन्होंने तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मैंने ही आवाज उठाई थी, जबकि उस दौर में सत्ता में रही महाविकास अघाड़ी सरकार ने इसे नजरअंदाज किया था।
नवनीत राणा ने कहा कि हमें मीडिया के जरिए ही तबलीगी जमात का पता चलता है। उमेश कोल्हे कांड में मैंने महाविकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ जाकर न्याय की मांग की थी। मुझे उम्मीद है कि हमारे पीएम और होम मिनिस्टर तबलीगी जमात के लोगों पर नकेस कसेंगे। मैं कहना चाहती हूं कि दौर बदल गया है और इस देश में कोई तबलीगी जमात के कट्टरपंथी को बर्दाश्त नहीं करेगा। नवनीत राणा ने कहा कि इस हत्याकांड में मैंने ही सबसे पहले आवाज उठाई थी और परिवार के लिए न्याय की मांग की थी। 21 जून की रात को अमरावती के केमिस्ट उमेश कोल्हे को दुकान से लौटते वक्त रास्ते में कुछ युवकों ने चाकुओं से गोदकर मार डाला था।
उमेश कोल्हे ने एक वॉट्सऐप ग्रुप में नुपूर शर्मा के समर्थन वाली पोस्ट शेयर की थी। इसी ग्रुप में उनके कुछ मुस्लिम दोस्त जुड़े थे। इसी ग्रुप से उनके एक डॉक्टर दोस्त युसुफ ने स्क्रीनशॉट ले लिया था और फिर उसने ही हत्या की साजिश रची थी। डॉक्टर युसुफ ने कई अन्य लोगों को इस हत्याकांड की साजिश में जोड़ा था और फिर कई दिनों तक रेकी की गई।
अंत में 21 जून को दुकान बंद कर लौटते वक्त रात में सरेराह उमेश कोल्हे को हत्यारों ने मार डाला। यह घटना उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की जघन्य हत्या से पहले ही हो गई थी, लेकिन इसका खुलासा जुलाई में जांच के बाद हुआ था। अमरावती की सांसद ने कहा कि इस मामले में तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार निष्क्रिय जैसी थी, लेकिन मैंने ही आवाज उठाई।