Lucknow News: UPMRC को LDA ने क्यों दी 86 एकड़ जमीन, जानिए इसकी वजहें
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) जल्द ही लखनऊ के सीजी सिटी में एलडीए द्वारा दी गई जमीन पर अपनी संपत्ति विकसित करना शुरू कर देगा। सरकार के निर्देश पर यूपीएमआरसी का अब लखनऊ में अपना आवासीय और व्यावसायिक सम्पत्तियां खड़ा करेगा और इसकी प्रकिया शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का दावा है कि जनवरी में इस महत्वपूर्ण परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा और इसपर निर्माण का काम 2024 में शुरू होगा।
कंसल्टेंट आर्किटेक्ट के चयन की प्रक्रिया शुरू
सरकार के आदेश पर एलडीए से प्राप्त 86.83 एकड़ जमीन पर संपत्ति के विकास के लिए कंसल्टेंट आर्किटेक्ट के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक, जमीन के इस पैच में आवासीय और व्यावसायिक दोनों संपत्तियों को विकसित करने की योजना है। इन संपत्तियों को इस तरह विकसित किया जाएगा कि यूपीएमआरसी को अधिक से अधिक आय हो। लखनऊ मेट्रो के एक अधिकारी ने कहा कि लखनऊ मेट्रो के वाणिज्यिक व्यवहार्यता को पूरा करने के लिए सीजी सिटी की संपत्ति बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि उन्हें यात्री किराया न बढ़ाना पड़े।
उन्होंने कहा कि, "मेट्रो टिकट के दाम बढ़ाकर यात्रियों पर बोझ नहीं डालना चाहती। विचार यह है कि किराए को न्यूनतम रखा जाए ताकि अधिक से अधिक यात्री मेट्रो की ओर आकर्षित हों। इस 86 एकड़ भूमि से होने वाली आय का उपयोग किराए को कम रखने के लिए किया जा सकता है। मेट्रो की इस जमीन पर व्यावसायिक और आवासीय संपत्तियों का निर्माण किया जाएगा।'' मौजूदा समय में एयरपोर्ट से राजधानी के मुंशी पुलिया तक 22.8 किमी की दूरी पर 21 स्टेशनों के बीच मेट्रो चलती है। कमर्शियल रन शुरू होने के बाद से किराया संशोधित नहीं किया गया है। हालांकि, लगातार किराया बढ़ाने का दबाव बना हुआ है।
मेट्रो पर बढ़ रहा किराया बढ़ाने का दबाव
इसी को ध्यान में रखते हुए यूपीएमआरसी विभिन्न स्रोतों से आय अर्जित करने का प्रयास कर रही है। इस बीच, जमीन की चयन प्रक्रिया अगले महीने पूरी होने की उम्मीद है। इसके बाद प्रोजेक्ट डिजाइन व डीपीआर बनाने का काम शुरू होगा। मेट्रो की योजना 2024 में 86 एकड़ जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करने की है।
पूरे प्रक्रिया के लिए जल्द शुरू होगा टेंडर
यूपीएमआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि सलाहकार के चयन की प्रक्रिया के लिए तकनीकी बोली अगले साल तीन जनवरी को खोले जाने की उम्मीद है। इसके बाद वित्तीय बोली की तिथि निर्धारित कर कंपनी को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस कंपनी का काम निवेशकों की पहचान करना होगा और संपत्ति के विकास के लिए सलाह देने के अलावा निर्माण के समय टेंडर प्रक्रिया को संचालित करने में भी कंपनी सहयोग करेगी।