रोजाना चार सिगरेट के बराबर प्रदूषण झेल रहे बनारसी, कपूर जलाने पर दो हजार एक्यूआई
वाराणसी
बनारस के लोग हर रोज चार सिगरेट के बराबर वायु प्रदूषण झेल रहे हैं। शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 82.6 है। यह स्थिति सबके के लिए खतरनाक है। यह तथ्य मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस लाइन के सभागार में प्रदूषण के संबंध में आयोजित सम्मेलन में आया। यह सम्मेलन क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) व लंग्स केयर फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से करवाया।
इसमें भारतीय बाल अकादमी के अध्यक्ष डॉ. आलोक भारद्वाज और डॉ. मिताली ने अपने प्रेजेंटशन में बताया कि एक सिगरेट से 22 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर प्रदूषण फैलता है। इस तरह वाराणसी में हर व्यक्ति इन दिनों जिस प्रदूषित हवा में सांस ले रहा है, वह रोजाना चार सिगरेट पीने के बराबर है। सम्मेलन में वायु प्रदूषण के लिए सबसे अधिक वाहनों को जिम्मेदार बताया गया। स्थिति पर नियंत्रणके लिए सिटी एक्शन ग्रुप बनाया गया है। लंग्स केयर फांउडेशन के संरक्षक एवं पूर्व आईपीएस डॉ. एपी माहेश्वरी ने कहा कि प्रदूषण मुक्त शहर के लिए यह मुहिम की शुरू है। कानपुर, आगरा व गाजियाबाद ग्रुप बने हैं।
ग्रीन कॉरिडोर और ड्राइविंग की अच्छी आदत
सम्मेलन मुख्य अतिथि सीपी मुथा अशोक जैन ने कहा कि ग्रीन ट्रैफिक कॉरिडोर और ड्राइविंग की अच्छी आदतों से प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक के कारण बढ़ रहे प्रदूषण के संबंध में शासन-प्रशासन से बात की जाएगी और समाधान निकाला जाएगा। सम्मेलन में एडीएम गुलाबचंद ने नागरिकों से इस मिशन में शामिल होने और वायु प्रदूषण की प्रतिकूल प्रक्रिया उलटने में योगदान का आह्वान किया। मुख्य पर्यावरण अधिकारी आरके सिंह ने कहा कि शुद्ध हवा के लिए मिलकर प्रयास करना होगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. एससी शुक्ला ने भी विचार रखे। इस दौरान प्रो. बीडी तिवारी, अजय राम, कौशलेंद्र पांडेय, राजेश श्रीवास्तव, आरके चौधरी रहे।
कपूर जलाने पर दो हजार हो गया एक्यूआई
लंग्स केयर फाउंडेशन की टीम ने सभागार को एक्यूआई का स्तर 300 मिला। तब वहां कपूर जलाया। तब एक्यूआई दो हजार तक बढ़ गया। फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी राजीव खुराना ने कहा कि बंद जगह में हवन कुंड कभी नहीं बनाना चाहिए। उसे खुले में बनाना चाहिए।