September 28, 2024

मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र : सरकार के खिलाफ कांग्रेस लाई अविश्वास प्रस्ताव

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 भोपाल

मध्य प्रदेश विधानसभा में शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाई है। खबर लिखे जाने तक अविश्वास  प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है। इससे पहले कांग्रेस ने 51 बिंदुओं का आरोप पत्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को सौंपा था। मंगलवार को इस पर अध्यक्ष ने चर्चा करवाने की सहमति दी। इसके बाद आज इस पर चर्चा शुरू हुई।

विपक्ष द्वारा विधानसभा में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो चुकी है। कांग्रेस ने सरकार पर 51 आरोप लगाए हैं। वहीं सरकार भी हर सवाल का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। अविश्वास प्रस्ताव पर  चर्चा की शुरुआत नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने की है। विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा के लिए चार घंटे का समय नियत किया है। जब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई, उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सदन में नहीं थे। वे पार्टी के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सिरोंज गए हुए हैं। चर्चा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह ने कहा कि आज कलेक्टर, एसपी विधायक का सम्मान नहीं का रहे हैं। आज प्रजा रह गई और तंत्र हावी हो गया है।

एक भी अधिकारी आज नियमो का पालन नहीं कर रहे हैं। सब निरकुंश हो कर काम कर रहे हैं। एक भी पत्र को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। एक मात्र केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हैं जिन्होंने पत्र का जवाब दिया और काम किया,स उन्हे मैं धन्यवाद देता हूं। सिंह ने कहा कि विपक्षी दल का अपमान किया जा रहा है और झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर पूरे प्रदेश को कर्ज में डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपने पूर्वजों की एकत्रित की गई संपत्ति तक को बेच दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे सैर सपाटा का कोई शौक नही है, किसान का बेटा हूं।]

अनुपूरक बजट फटाफट पारित
विधानसभा में राज्य सरकार द्वारा लाए गए 16071 करोड़ 44 लाख रुपए के अनुपूरक बजट को पास कर दिया गया है। प्रश्नोत्तर काल के बाद सदन में प्रतिवेदन पटल पर रखे गए। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का मामला उठाया तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पहले अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। इसके बाद सर्वसम्मति से अनुपूरक बजट पास हो गया।

हर विधायक को अलग-अलग विषय उठाने की जिम्मेदारी
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति खनिज  से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे। वहीं जीतू पटवारी प्रदेश में निवेश और रोजगार को लेकर सरकार को घेरेंगे। वे इस मामले में राष्टÑीय व अंतरराष्टÑीय यात्राओं को लेकर सरकार पर  निशाना साधेंगे । जीतू पटवारी इसमें आरोप लगाएंगे कि इंदौर में 9 एवं दस जनवरी को होने जा रहे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रदेश के लोगों की 40 से 50 करोड़ रुपए की गाढ़ी कमाई खर्च की जाएगी। दुबई में आयोजित हुए वर्ष 2020 और 2021 में वर्ल्ड एक्सपो के नाम पर हुए खर्च पर भी पटवारी सरकार को घेरेंगे। प्रदेश में युवाओं के पलायन का आरोप इस अविश्वास प्रस्ताव में सरकार पर लगाए जाएंगे। पटवारी सरकार से यह भी पूछेंगे कि कि अनिल अंबानी से हुए 25 हजार करोड़ के करार का क्या हुआ।   ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह पर अविश्वास प्रस्ताव पर सीधे आरोप लगेंगे। उन पर आरोप लगाने की जिम्मेदारी विधायक प्रियव्रत सिंह को दी गई है। आरोपों में बिजली खरीदी में लापरवाही और कोल इंडिया के कोयले का 500 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं करना शामिल है।

मप्र में अब तक कुल 28 बार अविश्वास प्रस्ताव
विधानसभा में अब तक 28 बार विभिन्न सरकारों के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव आ चुका है। इसमें सबसे ज्यादा अर्जुन सिंह सरकार के खिलाफ पांच बार अविश्वास प्रस्ताव आया था। शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ यह दूसरा अविश्वास प्रस्ताव है। इससे पहले जब अजय सिंह नेता प्रतिपक्ष थे तब वे अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। उस पर चार दिन चर्चा हुई थी। हालांकि कैलाश नाथ काटजू के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव में सबसे ज्यादा पांच दिन तक चर्चा हो चुकी है।

जिन पर जनता को विश्वास नहीं वे अविश्वास प्रस्ताव ला रहे: नरोत्तम
संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हम भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास कार्य और कांग्रेस के शासन में किए गए विनाश के काम बताएंगे। मिश्रा ने कहा कि आश्चर्य की बात तो ये है कि अविश्वास प्रस्ताव वे लोग लेकर आए हैं जिन पर जनता को विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 35 माह में क्या किया है और 15 माह में कांग्रेस ने किया किया, यह पता चल जाएगा। सदन में पता चलेगा कि किसकी आंखें खुलती हैं? मिश्रा ने कहा कि हमें चर्चा के लिए तैयारी नहीं करनी पड़ती। हम विकास के कामों को सदन में बताएंगे। हम विकास के कामों को सदन में बताएंगे। अविश्वास प्रस्ताव पर सारगर्भित चर्चा के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है।

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