केंद्र ने नहीं चुकाए 14 हजार करोड़ इसलिए MP बन रहा कर्जदार, हर साल देना पद रहा करोडो ब्याज
भोपाल
मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर हुई गेहूं, धान और मोटे अनाज की खरीदी करने के बाद यह अनाज केन्द्र सरकार को भेजा जा चुका है। इस अनाज के लिए मध्यप्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार से 14 हजार 339 करोड़ रुपए का भुगतान लेना बाकी है लेकिन अब तक केन्द्र सरकार ने इसका भुगतान नहीं किया है इसके चलते मध्यप्रदेश सरकार को अनाज खरीदी के चलते बाजार से लिए गए कर्ज की राशि पर 2 करोड़ 69 लाख रुपए का ब्याज देना पड़ रहा है।
विधायक मुरली मोरवाल के सवाल के लिखित जवाब में खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने यह जानकारी दी। विधायक ने पूछा था कि प्रदेश में गेहूं धान की खरीदी का सण्मय पर आॅडिट न होंने और उसका पूरा हिसाब न दिए जाने के कारण केन्द्र से भुगतान रुका हुआ है। उन्होंने यह भी पूछा था कि अनाज की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए क्या राज्य सरकार ने कर्ज ले रख है और इस पर कितना ब्याज देना पड़ रहा है। इस पर मंत्री ने बताया कि रबी एवं खरीफ में उजार्जित गेहूं और धान के 2016-17 तक के लेखे केन्द्र को भेजे जा चुके है।
भारत सरकार ने रबी विवणन वर्ष 13-14 के एवं खरीफ विपणन वर्ष 2010-11 के लेखों का अंतिमीकरण किया गया है। रबी एवं खरदीफ विपणन वर्ष 2017-18 एवं 18-19 के अंतिम लेखों के सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। केन्द्र को भेजे 7 हजार 853 करोड़ एवं 16-17 तक के 6 हजार 385 करोड़ इस तरह कुल 14 हजार 339 करोड़ के दावे का भुगतान भारत सरकार से प्राप्त होना बाकी है। सरकार ने बैको से शासकीय गारंटी पर राशि प्राप्त की है इसका 2.69 करोड़ ब्याज देना पड़ रहा है।