गेहूं की कमी नहीं, जरूरत 12 लाख मीट्रिक टन , मौजूद है 90 लाख टन
भोपाल
मध्यप्रदेश में पिछले साल बाजार में गेहूं का दाम काफी ज्यादा था और निर्यात खुला हुआ था। राज्य सरकार ने 129 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी करने की तैयारी की थी लेकिन केवल 46 लाख 6 मीट्रिक टन गेहूं की ही खरीदी हो पाई। खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कांग्रेस विधायक तरुण भनोत के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। भनोत ने पूछा था कि क्या पीडीएस के अंतर्गत मिलने वाले गेहूं पर अस्थायी रोक लगी हुई है।
जवाब में मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि राष्टÑीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत अनूपपुर, बालाघाट, डिंडौरी, मंडला, शहडोल एवं उमरिया तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत अनूपपुर, बालाघाट, डिंडौरी, मंडला, शहडोल, उमरिया, बैतूल, भोपाल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, कटनी, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, पन्ना, रायसेन, रीवा, सतना, सिवनी, सीधी एवं सिंगरौली जिले में चावल तथा शेष जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गेहूं का वितरण कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 22-23 में 129 लाख मीट्रिक टन उपार्जन की तैयारी की गई थी किन्तु अंतरराष्टÑीय परिस्थितियों के कारण प्रदेश से ऊंचे दरों पर बाहर गेहूं का निर्यात हुआ। व्यापारियों ने अच्छे दाम पर गेहूं खरीदा इसके चलते प्रदेश में 46.06 लाख मेट्रिक टन गेहूं का उर्पाजन हुआ। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वर्तमान आवंटन के अनुसार 12 लाख 95 हजार मीट्रिक टन गेहूं की वार्षिक आवश्यकता होगी जबकि वर्तमान में प्रदेश में 90 लाख मीट्रिक टन गेहंू भंडारित है। इसलिए गेहूं की कोई कमी नहीं है।