छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी को मिला सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन
रायपुर
द इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर (इंडिया) ने छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को बेहतरीन उपलब्धियों (आउट स्टैंडिंग परफार्मेंस) के लिये सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन प्रदान किया है।
छत्तीसगढ़ राज्य ट्रांसमिशन कम्पनी की इन विशेष उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और चेयरमेन श्री अंकित आनंद ने ट्रांसमिशन कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीमति उज्ज्वला बघेल और पॉवर कंपनी के सभी इंजीनियरों एवं स्टाफ को बधाइयां प्रेषित की है।भारत सरकार से साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑगेर्नाइजेशन के रूप में मान्यता प्राप्त द इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियर (इंडिया) की स्थापना आजादी के पूर्व रॉयल चार्टर के तहत १९३५ में की गई है। यह संस्था प्रतिवर्ष भारत में इंजीनियरों को प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले उद्योगों को इंडस्ट्री एक्सेलन्स अवार्ड देती है। द इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियर (इंडिया) के तमिलनाडु चेप्टर ने चेन्नई मे १६ दिसम्बर को ३७ वे इंडियन इंजीनियरिंग अधिवेशन का आयोजन किया। इस समारोह में तमिलनाडु राज्य सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री श्री डॉ के. पोन्मुडी ने इंडस्ट्री एक्सेलन्स अवार्ड २०२२ समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को बेहतरीन उपलब्धियों (आउटस्टैंडिंग परफोर्मेंस) के लिए सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन प्रदान किया। छ.ग. राज्य पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी की तरफ से यह पुरस्कार एडिशनल चीफ इंजीनियर दीपक दवे एवं विनोद अग्रवाल ने चेन्नई में ग्रहण किया।
छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी ने पिछले चार वर्षों में लगातार ट्रांसमिशन सिस्टम के उपलब्धता फैक्टर और ट्रांसमिशन लॉस के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों से भी बेहतर परफॉर्म किया है। आयोग द्वारा ट्रांसमिशन सिस्टम के उपलब्धता फैक्टर ९९ प्रतिशत रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके विरुद्ध ट्रांसमिशन कंपनी ने पिछले चार वर्षों में एफवॉय १९ – ९९.९३ प्रतिशत, एफवॉय २० – ९९.७७ प्रतिशत, एफवॉय २१ – ९९.७८ प्रतिशत, एफवॉय २२ – ९९.७९ प्रतिशत तक की ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धता बनाये रखी। इस प्रकार लगातार लक्ष्य से बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिसके कारण राज्य में बिजली की आपूर्ति में कम से कम व्यवधान हुआ। राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम में औसतन ४००० मेगावाट पॉवर का ट्रांसमिशन, ४००/२२०/१३२ किलो वोल्ट की १३००० किलोमीटर से अधिक लंबी अतिउच्चदाब लाइनों और ३०० से अधिक पॉवर ट्रांसफॉर्मर के माध्यम से होता है. अधिकांश लाइनें छत्तीसगढ़ के घने जंगलों से होकर गुजरती है, अत: विशेष कर हवा-बरसात के मौसम में लाइनों में आने वाले व्यवधानों को तुरंत दूर कर जल्द से जल्द लाइनों को चालू करना एक चुनौती पूर्ण कार्य होता है, इसके लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में इंजीनियर्स और तकनीकी स्टाफ की कई टीमें हमेशा तैयार रखी जाती है. अति उच्च दाब लाइनों और पावर ट्रांसफॉर्मर के रखरखाव और मरम्मत के कार्य योजना बद्ध तरीकों से किये जाते है. इन्ही सब विशेष प्रयासों से ही ऐसी उपलब्धियाँ हासिल हो पाती हैं।