ई-रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, करोड़ों के स्टाम्प नष्ट कराएगी सरकार
भोपाल
मध्यप्रदेश में वाणिज्यिक कर विभाग ने ई रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है इसके चलते पहले से मुद्रित कराए करोड़ों रुपए के स्टाम्प पेपर बेकार हो चुके है। इनकी कीमत अब शून्य हो चुकी है लेकिन इनका किसी प्रकार से दुरुपयोग नहीं हो इसलिए राज्य सरकार इन्हें निजी कंपनियों से नष्ट कराएगी।
वाणिज्यिक कर विभाग ने एक जुलाई 2015 से ई रजिस्ट्रेशन प्रदेश में प्रारंभ किया है। एक अगस्त 2015 से ई रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। अब सम्पत्ति की खरीदी-बिक्री, सम्पत्ति किराए पर देने सहित विभिन्नन प्रकार के दस्तावेजों का इं पंजीयन शुरु किया गया है। इसके कारण सौ रुपए से अधिक मूल्य के गैर न्यायिक स्टाम्प लीगल कार्य हेतु अनुपयोगी हो गए है और उनका मूल्य शून्य हो चुका है। ई रजिस्ट्रेशन प्रारंभ होंने के बाद पूरे प्रदेश में सौ रुपए से अधिक मूल्य के पहले से मुद्रित कराए स्टाम्प पेपर भारी संख्या में अभी भी मौजूद है।
ये स्टाम्प पेपर अप्रचलित हो चुके है प्रदेश में इनकी संख्या एक करोड़50 लाख 98 हजार 526 है। भारत सरकार के उमक्रम एमएमटीसी द्वारा ई आक्शन प्रारंभ्ज्ञ कर सभी संभागों में इन स्टांप पेपरों को नष्ट कराया जाएगा। भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाक के स्टाम्प विनिष्टीकरण हेतु एसके ट्रेडर्स जबलपुर को अधिकृत किया गया है। रीवा शहडोल, सागर चंबल एवं ग्वालियर संभागों के लिए की गई ई आक्शन प्रक्रिया में किसी बोलीदाता का चयन नहीं हो सका है। इन स्थानों पर फिर से टेंडर जारी कर स्टांप नष्ट करने सरकार निजी संस्थाओें से प्रस्ताव आमंत्रित करेगी।
अनुपयोगी स्टाम्प विनिष्टीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की गई है। जैसे-जैसे स्टाम्प नष्ट करने के लिए ठेकेदार मिलेंगे यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
जगदीश देवड़ा, वित्त मंत्री