बटेश्वरा में 98वाँ विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह का हुआ आयोजन
मुरैना
98वाँ तानसेन संगीत समारोह के दौरान 22 दिसम्बर को मुरैना जिले के बटेश्वरा की पवित्र भूमि पर इंदौर के विवेक नवले ने तवला, ग्वालियर की श्रीमती साधना गोरे ने गायन और दिल्ली के प्रभात कुमार ने सरोद के सुरो से गुनगुनी धूप में मीठे सुरों की बारिश कर रसिकों के कानों में मिसुरी घोल दी।
इंदौर के विवेक नवले ने तवला वादन की प्रस्तुति दी
कार्यक्रम में इंदौर के विवेक नवले ने 3 ताल में पेश कर पंजाव घराने का बजाज, तिरकिट का कायदा बजाया, खरगोश, साँप की चाल पर कायदे, रेला और पंजाव की कुछ रेचर वंदिश टुकड़े बजाये। इनके साथ सहायक निर्देशक श्री विजय शंकर ने साथ दिया।
ग्वालियर की श्रीमती साधना गोरे ने गायन
कार्यक्रम में ग्वालियर की श्रीमती साधाना गोरे ने गायन करके राग-राजकली की रचना के बोल, आज राधेतुरे, अब न जगाओ-प्यारे मोकों, दारिदा-बोल सुदंर सारी मोरी भजन मीरा भजले मन रे गोपाल मना। तवला वादक मनोज पाटीदार, हरमोनिया पर महेशदत्त पाण्डे और सहयोग के रूप में श्रीमती सिमता महाजनी ने साथ दिया।
दिल्ली के श्री प्रभात कुमार ने सरोद वादन से बसंत मुखरी के सुरों को निकाला दिल्ली के श्री प्रभात कुमार ने सरोद के सुरों से राग बसंत मुखरी से शुरू किया। जिससे लोगों को मंत्रमुक्त कर दिया। लोग गुनगुनी धूप में भी सरोद का आनंद लेते रहे।
प्रभात कुमार दिल्ली सरोद युवा सरोद वादकों में प्रभात कुमार आज एक प्रतिष्ठित नाम हैं। सेनिया मैहर घराना का सरोद वादक एवं गुरु पद्मभूषण श्रीमती शरण रानी जी से गुरु शिष्य परम्परा अन्तर्गत सफेद को बारीकियाँ सीखने की आपको उत्कृष्ट इच्छा थी। आपके वादन का सौंदर्य राग की शुद्धता के साथ वादन तकनीक के उपयोग में साफ झलकता है। विशेषकर जब आप सेनिया में राजा की विशेषता जटिल लयकारियों को भी वादन में सरलतापूर्वक प्रस्तुत करते हैं। सरोद वादन के अलावा आपने अपने पिता श्री कैलाश चन्द्र सक्सेना से भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं तबला वादन का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया एवं माता जी के मार्गदर्शन में पूर्वी उत्तरप्रदेश के लोकगीतों का प्रशिक्षण प्राप्त किया। आकाशवाणी के ए-ग्रेड कलाकार एवं भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद के प्रतिष्ठित कलाकार है।
आज 98वाँ विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह के तहत बटेश्वरा में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2024 में 100वाँ पूरी भव्यता के साथ मनाना चाहते है। इस आयोजन की गूँज पूरे देश में, दूर अंचलों में संगीत साधना करने वाले, संगीत प्रेमियों तक पहुंचे। हम सभी संस्कृति विभाग सहित पर्यटन, पुरात्तव इत्यादि विभाग इस पर चिंतन कर रहें है। उन्होंने कहा कि मुरैना क्षेत्र के बटेश्वरा, मितावली, पढ़ावली, ककनमठ एवं शनिमंदिर दूरिस्ट प्लेस है। इस क्षेत्र को बढ़ावा मिले। तभी टुरिस्ट इस क्षेत्र में पुरा संपदाओं का अवलोकन करें। कार्यक्रम के पूर्व तीनों कलाकारों को अपर कलेक्टर श्री नरोत्तम भार्गव ने पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर बाबा अलाउद्दीन अकादमी के सहायक निर्देशक श्री विजय श्रवण, एसडीएम मुरैना श्री एलके पाण्डेय, एसडीओपी बानमौर श्रीमती दीपाली चंदौरिया, जनपद सीईओ, तहसीलदार बानमौर सहित दिल्ली, ग्वालियर कॉलेजों के छात्र-छात्रायें बड़ी संख्या में उपस्थित थे।