November 26, 2024

चीन के इस दावे पर भारत में हो रहा भारी विरोध, हिमाचल से लेकर लद्दाख तक हंगामा

0

 श्रीनगर 
चीन ने पिछले दिनों तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी को चुनने को लेकर बड़ा दावा किया था,जिसका भारत के कई शहरों में विरोध हो रहा है। लद्दाख से लेकर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में भारतीय बौद्ध संगठनों से जुड़े लोगों ने 14वें दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति में चीन के हस्तक्षेप का विरोध किया है। बौद्ध संगठनों ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है। लद्दाख बौद्ध संघ ने भी उस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें कहा गया है कि दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार सिर्फ दलाई लामा के पास ही है। उधर, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार अगले दलाई लामा के चयन का अधिकार के अपने दावों पर अडिग है।

दरअसल, चीन का ये दावा अमेरिकी-तिब्बत नीति के खिलाफ है, जिसमें कहा गया था कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन करने का अधिकार तिब्बतियों के पास ही रहेगा। फिलहाल, तिब्बत के दलाई लामा, तेनजिन ग्यात्सो हैं। उन्हें तब उत्तराधिकारी चुना गया था, जब वह दो साल के थे। तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद तिब्बतियों को भारत में निर्वासित जीवन जीने को मजबूर होना पड़ा है।

बौद्ध संगठनों ने कहा कि  दलाई लामा ने साफ कर दिया है कि वो अगला जन्म न तो चीन में लेंगे, न ही तिब्बत में लेंगे। वो इन दोनों भौगोलिक सीमा से बाहर जन्म लेंगे। बौद्धों ने कहा कि अगर दलाई लामा के गुजरने के बीद चीन कोई दूसरा दलाई लामा खड़ा करता है तो हम उसे नहीं मानेंगे। बौद्धों ने कहा कि भारत सरकार को फिंगर एरिया और लद्दाख में बकरी चरवाहों को आगे तक जाने देना चाहिए।
 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *