NIA ने टेकलगुडम हमले में शामिल नक्सलियों के खिलाफ दायर किया चालान
जगदलपुर
बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलगुड़म-जूनागांव जंगल में फोर्स पर नक्सली हमले की घटना में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने 23 नक्सलियों के खिलाफ एनआइए की विशेष अदालत में चालान प्रस्तुत किया है। बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर तीन अप्रैल 2021 को हुई घटना में नक्सलियों ने एबुंश में फंसाकर फोर्स पर हमला कर दिया था। दावा किया जाता है कि एक हजार से अधिक नक्सली इस हमले में शामिल थे। इस घटना में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ और राज्य पुलिस के 14 जवान बलिदान हुए थे। 31 जवान घायल हुए थे वहीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक जवान राकेश्वर मन्हास का नक्सलियोें ने अपहरण कर लिया था। बस्तर रेंज के आईजीपी सुंदरराज ने बताया कि, बीस माओवादी कैडरों को 'फरार आरोपी के रूप में चार्जशीट किया गया है। आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया और दो की गिरफ्तारी से पहले ही मौत हो गई।
बता दें कि जम्मू निवासी जवान राकेश्वर मन्हास को छुड़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने पद्मश्री धर्मपाल सैनी व बीजापुर के आदिवासी समाज के प्रमुुखों व पत्रकारों के दल को नक्सलियों से चर्चा के लिए भेजा था। दल की पहल पर पांच दिनाें बाद राकेश्वर मन्हास को नक्सलियों ने रिहा कर दिया था। इस घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बीजापुर आए थे। घटना की जांच देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी एनआइए को सौपी गई थी। एनआइए ने जांच पूरी कर घटना के लिए 23 नामजद नक्सलियों के खिलाफ दाे दिन पहले यहां जगदलपुर स्थिति एनआइए की विशेष अदालत में चालान प्रस्तुत किया है।
चालान में बताया गया है कि हमले में नक्सलियों का बड़ा लीडर हिड़मा भी शामिल है। गौरतलब है कि दुर्दात नक्सली हिड़मा का गृह ग्राम भी इसी टेकलगुडम इलाके में हैं। टेकलगुडम सिलगेर के नजदीक हैं। इस क्षेत्र को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। तर्रेम थाना क्षेत्र में अक्टूबर 1998 में नक्सलियों ने पहली बड़ी घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद बीते 24 सालों में इस क्षेत्र में नक्सली छोटी-बड़ी कई घटनाओं को अंजाम दे चुकेे हैं। इस अंदरूनी क्षेत्र में फाेर्स के कैंप खुलने के बाद पिछले एक साल में नक्सली घटनाओं में कमी आई है।