RTO का डाटा ‘वाहन- 4’ हो रहा शिफ्ट, हफ्तेभर से NOC रजिस्ट्रेशन वर्क और ट्रांसफर वर्क बंद
भोपाल
राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में आरटीओ में पुराने वाहनों के ट्रांसफर, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया व एनओसी से संबंधित कामकाज बीते एक सप्ताह से बंद हैं। कामकाज प्रभावित होने और सूचना के अभाव में रोजाना सैकड़ों लोग परेशान हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि परिवहन विभाग द्वारा स्मार्ट चिप का डाटा नए सॉफ्टवेयर ‘वाहन- 4’ पर शिफ्ट किया जा रहा है। इसके चलते काम प्रभावित हो रहा है। परिवहन विभाग के अफसरों के अनुसार 28 दिसंबर तक वाहनों के ट्रांसफर, रजिस्ट्रेशन और एनओसी जारी करने पर रोक लगाई गई है। सॉफ्टवेयर का काम के बाद ये काम शुरू होंगे। प्रदेशभर में करीब सवा करोड़ वाहनों का डाटा स्मार्ट के पास था। इसमें भोपाल के करीब 12 लाख वाहन शामिल हैं। करीब 80 फीसदी डाटा पहले ट्रांसफर हो चुका है। करीब 20 फीसदी डाटा ट्रांसफर किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद शनिवार और रविवार के अवकाश के कारण नए साल यानी 2 जनवरी से विधिवत काम शुरू होने की उम्मीद है।
28 फरवरी तक बिना पैनिक बटन व RTO के होंगे फिटनेस28 फरवरी तक बिना पैनिक बटन व ॠढर के होंगे फिटनेस
अब सार्वजनिक यात्री वाहनों के लिए फिटनेस 28 फरवरी तक बिना पैनिक बटन और व्हीकल लोकेशन डिवाइस (वीएलटीडी) लगवाए संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) व जिला परिवहन कार्यालय (डीटीओ) से मिल सकेगा। हालांकि वाहन मालिकों को इन डिवाइस को लगवाने के संबंध में अपना सहमति पत्र, फिटनेस लेते वक्त आरटीओ को देना होगा। इस संबंध में। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एसके झा ने बीते दिनों इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार 31 दिसंबर, 2018 तक जिन सार्वजनिक यात्री वाहनों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं, उनके मालिक वाहनों में अनिवार्य रूप से पैनिक बटन व वीएलटीडी लगवाएं। यदि कोई नहीं लगवाता है, तो उसके वाहनों को फिटनेस न दिया जाए। इसके बाद गत 21 सितंबर को परिवहन विभाग ने 10 अलग-अलग कंपनियों का चयन डिवाइस लगाने के लिए किया गया था।
सर्वर के कारण कार्ड बनने का काम भी पिछड़ा
यही नहीं, सेंट्रल सर्वर की धीमी गति के कारण परिवहन विभाग के दूसरे काम भी प्रभावित हो रहे हैं। ड्राइविंग लाइसेंस और नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड अपडेट मिलने का काम भी काफी पिछड़ा हुआ है। विभागीय सूत्रों की मानें तो कार्ड की पेडेंसी करीब पांच हजार से लगभग चल रही है। इस मामले में सबसे ज्यादा परेशानी नए वाहन खरीदारों को हो रही है। वे कार्ड को लेकर शहर से लंबी दूर तय करके आरटीओ कार्यालय जाते हैं, लेकिन उन्हें कार्ड ही नहीं मिल पा रहे हैं।