September 25, 2024

क्या राजस्थान में सचिन पायलट को अपने खेमे में लाएगी भाजपा, भूपेंद्र यादव ने दिया तगड़ा जवाब

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 जयपुर 
अक्सर राजस्थान कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान सामने आ जाया करती है। इसकी बानगी शुक्रवार को राजस्थान के भरतपुर में एक कार्यक्रम में देखने को मिली जब सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने मंच साझा नहीं किया। सनद रहे साल 2020 में सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सीएम अशोक गहलोत इस वाकए को लेकर पायलट को गद्दार तक बता चुके हैं। वहीं पायलट की ओर से बार बार स्पष्ट किया गया है कि वह कांग्रेस नहीं छोड़ने वाले। हालांकि अक्सर सवाल उठते रहे हैं कि पायलट कब तक गहलोत के ताने सुनते रहेंगे। 

इसी मसले पर राजस्थान से भाजपा के कद्दावर नेता एवं श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने पूछा गया कि क्या आप सचिन पायलट को भाजपा में ला रहे हैं? भूपेंद्र यादव ने इस सवाल का बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि पायलट को हम क्यों लाएंगे। वह अपनी पार्टी में है। राजस्थान में भाजपा पूरी तरह से मजबूत है। बीते पांच वर्षों से कांग्रेस में रूमाल झपट्टे का खेल चल रहा है। यह पूछे जाने पर कि अशोक गहलोत ने तो अशोक गहलोत को गद्दार तक कह दिया है। इस पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि कभी भी राजनीति में अपने साथी के लिए ऐसे मर्यादाहीन भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

इसके साथ ही भूपेंद्र यादव ने पायलट और गहलोत की खींचतान को उनका अंदरूनी मामला बता दिया। हालांकि वह कांग्रेस पर हमला करने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों में जिस प्रकार लड़ाई झगड़े हुए हैं। उसने इस बात को दर्शाया है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था, बिजली पानी और ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था पूरे तरीके से चरमरा गई है। भाजपा ने राजस्थान के विकास को जहां छोड़ा था राजस्थान वहां से भी नीचे गिर गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राजस्थान के आगामी चुनावों में भाजपा की सरकार का बनना लगभग तय है। 

आप 2023 में आप राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं? सारे अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों में यह बात कही जा रही है कि भारत एक पार्टी सिस्टम की ओर बढ़ रहा है। इस पर आपकी क्या राय है। इस पर भूपेंद्र यादव ने कहा कि हर पार्टी अपने आप को बढ़ाने का काम करती है। हम तो किसी पार्टी का रजिस्ट्रेशन बंद नहीं कर रहे हैं। हम किसी को चुनाव लड़ने से मना तो नहीं कर रहे हैं। हम तो जनता की सेवा कर रहे हैं। यदि जनता हमें आशीर्वाद दे रही है तो इसमें गलत क्या है। 

दूसरी पार्टियां आप पर चुनाव में साम दाम दंड भेद सबकुछ इस्तेमाल करते हैं। सभी एजेंसिया आपके पास हैं। ईडी, सीबीआई सभी एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं? इस पर आपका क्या कहना है। भूपेंद्र यादव ने कहा कि तब हम हिमाचल क्यों हार गए। अगर ऐसा होता तो हम हिमाचल में क्यों हारते। केंद्र में तो हमारी सरकार थी, दिल्ली में हमारे 7 लोकसभा सांसद चुनकर आए, फिर हम दिल्ली क्यों हार गए। यह तो विपक्ष का एक तरीका बन गया है कि हार जाओ तो आरोप लगाओ और जीत जाओ तो खूब गाओ। यदि हमारे पास साम-दाम-दंड होता तो हम चुनाव नहीं हारते। लोकतंत्र और जनता की ताकत पर विश्वास करना चाहिए। 
 

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