September 25, 2024

आतंकवादी जवाहिरी का नया वीडियो आया सामने, ISI के संरक्षण के बावजूद PAK ने क्यों मरवाया?

0

वॉशिंगटन  
 अफगानिस्तान के काबुल में इसी साल अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन 'अलकायदा' के लीडर अयमान अल-जवाहिरी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। शुक्रवार(23 दिसंबर) को जवाहिरी का एक नया वीडियो सामने आया है। इसे आतंकवादी संगठन ने ही जारी किया है। कहा जा रहा है कि जवाहिरी ही अमेरिका में हुए 9/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था। हालांकि यह बात पहले भी कही जा चुकी है। अमेरिका को पक्का विश्वास था कि इस आतंकी हमले के पीछे जवाहिरी का ही हाथ है। चौंकाने वाली बात यह है कि जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया, तब जवाहिरी पाकिस्तानी के सीमावर्ती इलाके में जाकर छुप गया था। उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का संरक्षण मिला हुआ था। पढ़िए पूरी डिटेल्स…

31 जुलाई को मारा गया था जवाहिरी
अयमान अल-जवाहिरी को 9/11 के हमले की साजिश रचने वाले के रूप में लेबल किया गया था, जो वर्षों से अफगानिस्तान की सीमा से सटे पाकिस्तान में छिपा हुआ था। उसे 31 जुलाई की सुबह अफगानिस्तान के काबुल में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में मार गिराय गया था। हालांकि ये सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर जवाहिरी फिर से अफगानिस्तान क्यों गया था?

एसआईटीई खुफिया समूह(SITE intelligence group) ने शुक्रवार को कहा कि अल कायदा ने 35 मिनट का एक वीडियो जारी किया है। इसमें समूह का दावा है कि ये उसके नेता अयमान अल-जवाहिरी का है।  हालांकि ये रिकॉर्डिंग कब की है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। इसके कंटेंट से भी यह स्पष्ट नहीं है कि जवाहिरी का यह बयान कब का है? जवाहिरी 9/11 षड्यंत्रकारियों में प्रमुख था, जो वर्षों तक अमेरिका के डर से छुपा रहा। 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से इसे आतंकवादी संगठन पर सबसे बड़ा लीडर माना जा रहा था। ओसामा बिन लादेन और जवाहिरी दोनों ही संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा 1998 में अमेरिकी दूतावास बम विस्फोटों के साथ-साथ 11 सितंबर के हमलों में उनकी भूमिका के लिए वांटेड थे।

द थिंक-टैंक(The think-tank) ने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि माना जाता है कि जवाहिरी कई सालों तक पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके में छिपा रहा। यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि वह अफगानिस्तान क्यों लौटा? अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद उनका परिवार काबुल में सुरक्षित घर लौट आया था। जवाहिरी को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का संरक्षण मिला हुआ था। टॉप इंटेलिजेंस सोर्स के अनुसार, जवाहिरी को कराची में सुरक्षित जगह दी गई थी।जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया, तो कुछ समय बाद जवाहिरी को हक्कानी नेटवर्क द्वारा चमन सीमा के जरिए काबुल ले जाया गया था। हालांकि जवाहिरी की हत्या में पाकिस्तान की भूमिका पर अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट (एईआई) के माइकल रुबिन का तर्क है कि उन्हें विश्वास है कि जवाहिरी की हत्या में पाकिस्तान की भूमिका थी।

ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अल कायदा ने उत्तराधिकारी का नाम नहीं लिया था। हालांकि मिस्र के पूर्व विशेष बल अधिकारी सैफ अल-अदेल(former Egyptian special forces officer Saif al-Adel)  को अलकायदा के टॉप लीडर के तौर पर दावेदरों में गिना जाता है। अदेल एक ऐसी शख्स है, जो जिसके बारे में किसी को कुछ अधिक पता नहीं है। हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने उसकी गिरफ्तारी के लिए किसी भी जानकारी के लिए $10 मिलियन तक के इनाम की पेशकश की है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed