दबंग भू माफिया का कहर बरकरार सरकारी जमीन पर जेसीबी से अवैध उत्खनन
राजनगर राजस्व विभाग के पटवारी और आर आई की है मिलीभगत पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा के पास अवैध निर्माण वन विभाग अधिकारी क्षेत्रीय संचालक से भी कर चुके हैं शिकायत
छतरपुर
जिले के राजनगर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम राजगढ़ हल्का के अंतर्गत किसानों की जमीन पर दबंगों के द्वारा जबरन कब्जा करने से किसान परेशान हैं दबंगों के द्वारा कुछ किसानों की जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है एवं सरकारी जमीन पर जेसीबी से अवैध उत्खनन करके खुदाई भी की जा रही है किसानों की सरकार होने के बावजूद भी किसानों की जमीनों पर भू माफियाओं के द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है राजनगर विकासखंड के अंतर्गत हल्का राजगढ़ टपरियन में रहने वाले लल्ले अहिरवार बाबूलाल आदिवासी आदिवासी मनु रैकवार एवं मुकेश पाल की जमीनें हैं खसरा नंबर 1841/4/3/1 खसरा नंबर1841/1/2खसरा नंबर1841/1/1.खसरा नंबर 1841/4/4/1 इन सरकारी नंबरों एवं किसानों की व्यक्तिगत जमीनों पर दबंगों के द्वारा कब्जा किया जा रहा है किसानों की जमीनों पर भू माफिया मोनू ओमेरे और गोपाल दास ओमरे निवासी मंडला जिला पन्ना के द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है किसानों की जमीन पर अवैध तरीके से निर्माण कर अवैध बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है एवं सरकारी जमीन पर जेसीबी मशीन के द्वारा खुदाई करके सरकारी जमीन पर खेती की जा रही है जिसकी शिकायत भी किसानों के द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर बार-बार शिकायत की गई लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है राजस्व अधिकारी पटवारी आर आई की मिलीभगत से किसानों को भटकाने का काम कर रहे हैं जिससे किसान परेशान और लाचार है किसान दबंग माफियाओं के अवैध कब्जा से मुक्त नहीं हो पा रहे किसानों के द्वारा पुलिस थाने से लेकर मुख्यमंत्री तक हेल्पलाइन के द्वारा अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान आज दिनांक तक नहीं हुआ यहां तक कि किसानों ने कुछ समय पहले चंदन नगर बस स्टैंड पर अनशन भी किया गया था जिसको राजनगर नायब तहसीलदार रूपम गुप्ता के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही दबंगों से जमीन मुक्त करवा दी जाएगी लेकिन राजनीतिक रसूख के आगे कहां किसी की चल पाती है जमीनों का उल्टा सीधा सीमांकन करके पटवारी आर आई की मिलीभगत से किसानों को गुमराह किया जा रहा है एवं अवैध तरीके से जमीनों पर जबरन कब्जा किया गया है लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते राजस्व विभाग की उदासीनता के चलते प्रशासन ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया एवं वन विभाग को भी लिखित शिकायत दी गई थी कि कुछ सरकारी जमीन पन्ना टाइगर रिजर्व की सीमा पर है जिसका आवेदन पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्रीय संचालक बृजेंद्र झा को पन्ना जाकर किसानों के द्वारा आवेदन दिया गया था लेकिन उस आवेदन पर आज दिनांक तक विचार नहीं किया गया क्षेत्रीय संचालक के द्वारा बोला गया था कि जल्द ही हम सीमांकन करवा कर वन विभाग की जमीन को अधिग्रहण करने की बात की गई है लेकिन उनके विभाग के द्वारा भी जमीन का सीमांकन नहीं करवाया गया है किसानों के द्वारा परीक्षेत्र चंदननगर रेंजर को भी आवेदन दे दिया गया था लेकिन वन विभाग की उदासीनता भी देखी जा रही है ना तो राजस्व विभाग अपनी जमीन को ले रहा है और ना ही बन विभाग बीच में किसान आटा चक्की मैं गेहूं की तरह पिस रहे हैं किसानों को न्याय नहीं मिल पा रहा है जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है एवं किसानों के द्वारा चेतावनी दी गई अगर उनको न्याय नहीं मिल पाता है तो वह फिर से प्रशासन के खिलाफ अनशन पर बैठ सकते हैं।