राजधानी में चौथी लहर का असर,ओपीडी में घटी मरीजों की संख्या, सर्दी-खांसी का घर पर ही इलाज
भोपाल
राजधानी में कोरोना की चौथी लहर का असर अब अस्पतालों में दिखने लगा है। इन दिनों सरकारी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या घट गई है, साथ ही आपरेशन कराने भी कम लोग आ रहे हैं। उधर, निजी अस्पतालों में बचाव का देखते हुए सामान्य आपरेशन की तिथि टाल दी गई है, जबकि गंभीर केस में आपरेशन बचाव के नियमों का पालन करते हुए किया जा रहा है। वहीं अधिकांश लोग बुखार, खांसी का इलाज कराने अस्पताल नहीं पहुंंच रहे अब वह घर पर ही दवाएं लेकर ठीक हो रहे हैं।
पहले जेपी में आते थे 1100 मरीज
जेपी अस्पताल जहां 1200 से 1100 की संख्या में मरीज ओपीडी में आते थे, वहीं अब संख्या काफी घट गई है। डॉक्टरों के अनुसार बढ़ती ठंड एवं कोरोना के असर को देखते हुए बहुत जरूरत पड़ने पर ही लोग अस्पताल आ रहे हैं।
मरीजों में बढ़ रही सूखी खांसी
पिछली बार इस वक्त के मौसम में आने वाले मरीज दवा लेने के बाद तीन दिन और अधिकतम पांच दिन में ठीक हो रहे थे। लेकिन इस बार आने वाले मरीजों के ठीक होने में कम से कम सात दिन लग रहे हैं। कई मरीज तो सात दिन में ही ठीक नहीं हो रहे हैं।
मौसम में बदलाव की बजह
चिकित्सकों के अनुसार मौसम में बदलाव के साथ ही मौसमी बीमारियों से ग्रस्त रोगियों की संख्या बढ़ गई है। इनमें खांसी, जुकाम, वायरल फीवर, उल्टी-दस्त, अस्थमा, सांस लेने में दिक्कत सहित अन्य लक्षणों वाले मरीज अधिक हैं। खास बात यह है कि सामान्यत: तीन दिन में ठीक होने की बजाय मरीज सात से दस दिन में ठीक हो रहे हैं।
वायरल स्ट्रेन में आ रहा बदलाव
पिछली बार वायरल ट्रेंड तीन से पांच दिन का था। जबकि इस बार सात दिन हो रहा है। इसके पीछे वायरस स्ट्रेन में आ रहे बदलाव, नए वायरस का संक्रमण, दवाओं का बढ़ता रेसीसटेंस और इम्युनिटी में कमी है। इसका असर बच्चों पर भी हो रहा है। खांसी लंबी चल रही है।