डर के साए में चीन: पहले आंकड़ा छुपाया, अब कोविड डेटा पब्लिश करने पर ही लगा दी रोक
चीन
चीन में कोरोना को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। आंकड़ा छुपाने के आरोप के बावजूद बीजिंग से जो खबर आ रही है वह परेशान करने वाली है। द ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन का राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कोरोना को लेकर हर दिन जारी होने वाले आंकड़ों का प्रकाशन रोक दिया है। चीनी एनएचसी ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है।
चीनी वेबसाइट पर शुक्रवार तक के आंकड़े दिए गए हैं। इसके मुताबिक, शनिवार को 4,128 नए मामले दर्ज किए। चीन ने इस दिन अपने देश में कोरोना से किसी भी मरीज की मौत से इनकार किया है। चीन द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 23 दिसंबर को 1760 मरीज स्वस्थ हुए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
चीन ने रेडियो फ्री एशिया की उस रिपोर्ट के बीच यह कदम उठाया है जिसमें दिसंबर के पहले सप्ताह में जीरो-कोविड पॉलिसी को कमजोर किए जाने के बाद से अब तक चीन में लगभग 25 करोड़ लोगों के इस महामारी से प्रभावित होने की बात कही गई थी। वहीं, सोशल मीडिया में लीक एक सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, 1 दिसंबर से 20 दिसंबर तक 24.8 करोड़ लोग कोविड-19 से संक्रमित थे। चीन की आबादी का यह 17.65 प्रतिशत है।
रेडियो फ्री एशिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 20 दिसंबर को सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कोरोना केस के आंकड़े वास्तविकता से अलग हैं। उसने अपनी रिपोर्ट में लगभग 3.7 करोड़ लोगों के कोरोना से संक्रमित होने का अनुमान लगाया है। एक वरिष्ठ चीनी पत्रकार ने गुरुवार को रेडियो फ्री एशिया को बताया कि दस्तावेज वास्तविक था। बैठक में भाग लेने वाले व्यक्ति द्वारा इसे जानबूझकर लीक किया गया है।
इसके अलावा ब्रिटिश डेटा फर्म एयरफिनिटी ने भी कहा कि चीन में एक दिन में दस लाख से अधिक संक्रमण होने की संभावना है। उसने प्रतिदिन 5,000 से अधिक मौतें होने का दावा किया है। एयरफिनिटी मॉडल का अनुमान है कि मामले की दर जनवरी के उच्चतम स्तर पर प्रतिदिन 37 लाख और मार्च 2023 में 42 लाख प्रतिदिन तक पहुंच सकती है।