November 25, 2024

WTC फाइनल में कैसे पहुंच सकता है भारत? रेस में हैं सिर्फ ये टीमें

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 नई दिल्ली 

भारत की बांग्लादेश पर धमाकेदार जीत के साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की रेस और रोमांचक हो गई है। रविवार को मेजबान टीम को दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने 3 विकेट से धूल चटाकर 2-0 से सूपड़ा साफ किया। इस जीत के साथ भारत ने WTC प्वाइंट्स टेबल में दूसरे पायदान पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। पैट कमिंस की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले स्थान पर है, वहीं साउथ अफ्रीका (54.55) और श्रीलंका (53.33) क्रमश: तीसरे और चौथे पायदान पर है। अब फाइनल की रेस में ये चार टीमें ही हैं जिसमें ऑस्ट्रेलिया का पहुंचना लगभग तय हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के पास इस समय 76.92 प्रतिशत अंक है, अब उनकी बराबरी तो छोड़े बची तीन टीमें 70 प्रतिशत अंक तक का आंकड़ा नहीं छू सकती।
 

भारत की बांग्लादेश पर जीत के बाद आईसीसी ने बताया कि किस टीम की फाइनल में पहुंचने की अधिक संभावनाए हैं। सबसे पहले बाद ऑस्ट्रेलिया की करें तो साउथ अफ्रीका के खिलाफ जारी तीन मैच की टेस्ट सीरीज के अलावा इस टीम को भारत के खिलाफ चार मैच की बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज खेलनी है। ऑस्ट्रेलिया यहां से अधिकतम 84.21 प्रतिशत अंकों के साथ पहुंच सकती है।

वहीं बात भारत की करें तो भारत को अगर कंगारुओं के खिलाफ इस सीरीज में लाजवाब परफॉर्म करती है तो वह 58.92 प्रतिशत अंकों से 68.06 अंकों तक पहुंच सकती है जो लगातार दूसरी बार भारत के फाइनल में कदम रखने के लिए काफी होंगे। लेकिन अगर साउथ अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया को मौजूदा सीरीज में हराने में कामयाब रहती है तो वह भारत की राह में रौड़ा बन सकती है।
 
दरअसल, साउथ अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ घर में दो टेस्ट मैच की सीरीज खेलनी है। अगर वहां भी अफ्रीकी टीम जीत दर्ज करती है तो वह अधिकतम 69.77 प्रतिशत अंकों तक पहुंच जाएगी। ऐसे में भारत की राह कठिन हो सकती है।

वहीं इस रेस में श्रीलंका चौथी ऐसी टीम है जो अधिकत्म 60 प्रतिशत अंकों से अधिक हासिल कर सकती है। श्रीलंका को अपनी आखिरी सीरीज न्यूजीलैंड के घर पर खेलनी है। अगर वह यहां जीत दर्ज करती है तो यह टीम 61.11 प्रतिशत अंकों तक पहुंच जाएगी। मगर लंका का न्यूजीलैंड के खिलाफ रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। वह अभी तक 19 में से मात्र दो ही मैच जीत पाई है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के अलावा फाइनल की दौड़ में साउथ अफ्रीका और भारत ही प्रबल दावेदार हैं।

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