बूस्टर डोज लगवाने वालों की संख्या में तेजी, एक्स्ट्रा 5 लाख डोज की डिमांड, स्टॉक में 1. 5 लाख डोज बचे
भोपाल
नए वैरिएंट सामने आने की आहट के बाद लोग फिर बूस्टर डोज लगवाने पहुंचने लगे हैं। बीते पांच दिनों में बूस्टर डोज लगवाने वालों की संख्या में तेजी के साथ इजाफा हुआ है। यह तब है, जबकि सेंटरों पर सिर्फ कोवैक्सीन ही उपलब्ध है। बूस्टर डोज लगवाने वालों की संख्या को देखते हुए स्वाथ्य विभाग ने पांच लाख अतिरिक्त डोज मांगे हैं। बता दें कि प्रदेश में 80 फीसदी लोगों ने कोविशील्ड लगवाई है। प्रदेश में कोविशील्ड के 10 करोड़ से ज्यादा और कोवैक्शीन के 2.31 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं।
संक्रमण से बचने जागरूक होना जरूरी
प्रदेश में कोरोना के खतरे से निपटने के लिए एडवाइजरी और सैंपलिंग कर जीनोम सिक्वेंसिग के लिए कहा गया है। लेकिन इसके पहले सबसे ज्यादा जरूरी मास्क का उपयोग है। ताकि कोरोना को इंट्री का दोबारा मौका न मिल सके। हालांकि शहर में कोरोना से छुटकारा मिलने के बाद लोग भी बेफ्रिक है। लेकिन एक बार फिर कुछ वक्त के लिए मास्क का उपयोग करना शहरहित में साबित हो सकता है।
5303 लोगों ने लगवाया बूस्टर डोज
स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार कोविड अलर्ट जारी होने के बाद कोविड संक्रमित होने का डर लोगों में बढ़ा है। इसकी पुष्टि 22 से 24 दिसंबर 2022 तक की कोविड वैक्सीनेशन डेटा रिपोर्ट करती है। मध्यप्रदेश में इस समयावधि में 5303 लोगों ने कोविड वैक्सीन का प्रीकॉशन डोज (बूस्टर डोज) लगवाया है। जबकि कोविड का अलर्ट जारी होने के पहले 17 से 19 दिसंबर के बीच पूरे प्रदेश में केवल 782 हितग्राहियों ने ही बूस्टर डोज लगवाया था।