NASA ने 4 साल के बाद रिटायर किया InSight लैंडर मिशन, 2018 में भेजा गया था मंगल ग्रह पर
नई दिल्ली
NASA retires Mars InSight lander mission मंगल (Mars) की सतह पर पहुंचने के चार साल बाद अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अपने मार्स इनसाइट लैंडर को रिटायर कर दिया है। ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए नासा ने लिखा, 'पिछले 4 सालों में अनगिनत वैज्ञानिक खोजों के बाद, हमारा @NASAInSight लैंडर अपने मिशन के अंत तक पहुंच गया है। इनसाइट की विरासत और इसका अभी तक का मंगल ग्रह के बारे में किया गया अध्यन आगे बहुत काम आएगा।'
नासा ने मिशन मार्स पर दिया यह बयान
नासा ने कहा कि इन्साइट से आखिरी संपर्क 15 दिसंबर को हुआ था। इस अभियान को 2 साल तक काम करने के लक्ष्य से भेजा गया था, लेकिन उसने 4 साल तक बिना रुके और थके अपना काम किया। नासा के बयान के मुताबिक, पिछले कुछ समय से दक्षिणी कैलिफोर्निया में एजेंसी की जेट प्रोपल्शन लैब (JPL) में लगे मिशन कंट्रोल लगातार दो प्रयासों के बाद लैंडर से संपर्क करने में असमर्थ थे। ऐसी स्थिति में किसी भी यान के आने के बाद उसे 'डेड बस' कहा जाता है। आपको बताते चलें कि अंतरिक्ष में 7 महीने के सफर के बाद 27 नवंबर 2018 को इनसाइट लाल ग्रह पर उतरा था। यानी नासा ने इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया है कि अब लैंडर ने पृथ्वी से संचार बंद कर दिया है और उसकी बैटरी चार्ज नहीं हो पा रही थी। वैज्ञानिकों का कहना है मंगल पर तूफान कारण लैंडर उपकरणों पर धूल ऐसी जमी कि चार्जिंग कुछ महीने पहले ही बंद हो गई थी।
इनसाइट लैंडर मिशन के बारे में
इनसाइट का पूरा नाम ‘इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सिस्मिक इन्वेस्टिगेशंस जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट’ (Interior Exploration Using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport- InSight) है।
इनसाइट लैंडर मिशन मंगल ग्रह की सतह के नीचे विस्तृत अध्ययन के लिये समर्पित पहला मिशन है।
मंगल ग्रह के अध्ययन के लिये भेजा गया इनसाइट लैंडर 26 नवंबर, 2018 को मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था।
इस मिशन के दौरान विस्तृत अध्ययन करने हेतु भूकंपमापी यंत्र (Seismometer), हवा के दबाव को मापने के लिये सेंसर, मैग्नेटोमीटर (Magnetometer) और ग्रह के तापमान का अध्ययन करने के लिये एक ताप प्रवाह यंत्र मौजूद है।
इनसाइट मिशन नासा के डिस्कवरी प्रोग्राम-1992 (Discovery Program-1992) का हिस्सा है।
मिशन मार्स के रिटायर होने पर नासा को नए उपाय होंगे सोचने
इन्साइट ने मंगल ग्रह पर 1300 से भी ज्यादा भूकंपीय गतिविधियों की पहचान की थी जिनमें से बहुत से उल्कापिंड के कारण टकराव से पैदा हुई थीं। वैज्ञानिकों के मुताबिक लाल धरती पर धूल भरे तूफान मिशन मार्स के लिए आगे भी चुनौती बने रहेंगे। पिछले साल इनसाइट ने अपने नजदीक से निकले बवंडर की आवाज भी रिकॉर्ड की थी। ऐसे में इस मिशन के खत्म होने के बाद नासा को मंगल की भूकंपीय गतिविधियों की जानकारी हासिल करने के नए उपाय सोचने होंगे।