मेरठ में मुस्लिम शादियों में पटाखे और डीजे हुआ तो मौलवी नहीं पढ़ाएंगे निकाह, उलेमालओं का सर्वसम्मति से फैसला
मेरठ
मुस्लिम शादियों में आतिशबाजी और नाच गाने पर अंकुश लगाने की मुहिम जोर पकड़ रही है। किठौर और राधना के बाद अजराड़ा में भी उलेमाओं और बिरादरी के गणमान्य लोगों की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से शादियों में डीजे और आतिशबाजी पर पाबंदी का फैसला लिया गया। साथ ही कहा कि शादी में डीजे बजा अथवा आतिशबाजी हुई तो निकाह नहीं पढ़ाया जाएगा।
अजराड़ा में हुई बैठक में मौजूद लोगों ने बढ़ती सामाजिक बुराईयों पर चिंता जाहिर की। मौलाना खुर्शीद ने कहा कि मुस्लिम शादियों में डीजे पर नाच गाना, आतिशबाजी जैसी कई रस्में पनपती जा रही हैं। जो शरई एतबार से नाजायज हैं। इसी तरह मौत हो जाने के अगले दिन दिया जाने वाला नाश्ता भी बेहतर नहीं। मौलाना खुर्शीद ने क्षेत्र की तमाम इस्लामी संस्थाओं, संगठनों से आगे आकर मुस्लिम समाज में नई रस्मों के नाम पर फैल रही बुराइयों को रोकने की अपील की।
उन्होंने कहा कि अगर किसी शादी में डीजे पर नाच गाना और आतिशबाजी की जाए तो उस शादी में कोई भी निकाह न पढ़ाए। बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से मंजूर हो गया। अध्यक्षता पूर्व प्रधान बाबू खां और संचालन प्रधान अब्दुल वाहिद ने किया। इस दौरान पूर्व प्रधान जावेद, डॉ. फुरकान, मोमीन, इकराम, राशिद, माजिद, राहत, अब्दुल कलाम, अब्दुल सलाम, डॉ. छुटवा आदि रहे।