Indian Railwaysके 3 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा डार्क वेब बेचा जा रहा
नई दिल्ली
इंटरनेट की काली दुनिया डार्क वेब पर लाखों भारतीय यूजर्स का डेटा बेचा जा रहा है. डेटा भारतीय रेलवे से जुड़ा हुआ है. ऐसा लग रहा है कि भारतीय रेलवे हाल में ही डेटा ब्रीच का शिकार हुई है. हालांकि, इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. रिपोर्ट्स की मानें तो इंडियन रेलवे के 3 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा डार्क वेब पर बेचा जा रहा है.
सेलर की पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं है. यूजर्स के रिकॉर्ड को हैकर्स फोरम पर बेचा जा रहा है. इसका इस्तेमाल साइबरक्रिमिनल्स लीक हुए डेटा को बेचने और खरीदने के लिए करते हैं.
3 करोड़ यूजर्स का डेटा बेचने वाले शख्स का यूजर नेम shadowhacker है, जो डेटा का एक सैंपल भी प्रोवाइड कर रहा है. डेटा खरीदने के पहले कोई शख्स सैपल डेटा को चेक कर सकता है.
नाम-नंबर सब है शामिल
सेलर ये डेटा टेक्स्ट फॉर्मेट में दे रहा है. 3 करोड़ यूजर्स का डेटा में दो हिस्सों में है. एक में यूजर्स की पर्सनल डिटेल्स और दूसरे में टिकट बुकिंग का डेटा मौजूद है. पहले हिस्से में यूजरनेम, ईमेल, फोन नंबर, जेंडर, शहर, राज्य और लैंग्वेज तक की डिटेल्स शामिल हैं.
वहीं बुकिंग डेटा में पैसेंजर का नाम, मोबाइल नंबर, ट्रेन नंबर, ट्रैवल डिटेल्स, इनवॉइस PDF और दूसरी डिटेल्स मौजूद हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैकर्स ने जिस सैंपल को शेयर किया है, उसे सही पाया गया है.
इतने रुपये में बिक रहा डेटा
लिस्टिंग के मुताबिक, सेलर इस डेटा की सिर्फ 5 कॉपी ही ऑफर कर रहा है. हर कॉपी के लिए उसने 400 डॉलर (लगभग 33 हजार रुपये) की मांग की है. वहीं अगर कोई यूजर इस डेटा का एक्सक्लूसिव एक्सेस चाहता है, तो सेलर उसके लिए 1500 डॉलर (लगभग 1.24 लाख रुपये) की मांग कर रहा है.
इसके अलावा सेलर डेटा और वल्नेरेबिलिटी दोनों के लिए 2000 डॉलर (लगभग 1.65 लाख रुपये) की डिमांड कर रहा है. सेलर ने दावा किया है कि उसने एक वल्नेरेबिलिटी के जरिए ये डेटा हासिल किया है. हालांकि, इस बारे में उसने कोई जानकारी नहीं दी है.
भारतीय रेलवे ने इस डेटा लीक पर अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है. डेटा की सत्यता और उसके एक्सेस के तरीके की जानकारी भी नहीं है. इसके अलावा सेलर ने ये भी नहीं बताया है कि ये डेटा IRCTC के डेटा बेस से हासिल किया है या फिर भारतीय रेलवे के. पहले भी इंडियन रेलवे का डेटा लिक हो चुका है. साल 2019 में 20 लाख यूजर्स का डेटा लीक हुआ था.