किसानों का सवा दो करोड़ रुपए का पेंडिंग,चार सालों में भुगतान नहीं करा पाई सरकार
भोपाल
प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में फसल बेचने वाले किसानों को पेमेंट चार साल से अधिक समय से नहीं हो पा रहा है। मंडी व्यापारियों द्वारा फसल खरीदने के बाद भुगतान नहीं किए जाने की जानकारी होने के बावजूद अधिकारी इस मामले में किसानों को राहत नहीं दे पा रहे हैं।
प्रदेश के करीब आधा दर्जन जिलों के डेढ़ सौ किसानों के मामले में सरकार यह भी बता पाने की स्थिति में नहीं है कि जिन्होंने अनाज खरीदने के बाद भुगतान नहीं किया, उन पर क्या कार्यवाही की जा रही है और किसानों को कब तक भुगतान करा दिया जाएगा। भोपाल व नर्मदापुरम संभाग में डेढ़ सौ किसानों का सवा दो करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान चार सालों से पेंडिंग है। इन संभागों के साथ प्रदेश के अन्य जिलों में भी किसानों की फसल बेचने के बाद भुगतान नहीं कराए जाने के मामलों की जांच की मांग की जा रही है। भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के जिलों के किसानों की फसल का भुगतान पांच सालों में नहीं करा सकी है।
मंत्री की जानकारी में मामला: यह मामला विधानसभा में भी उठ चुका है। कांग्रेस विधायक आरिफ अकील के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री कमल पटेल ने यह स्वीकार किया है कि भुगतान नहीं हुआ है पर कब तक हो सकेगा, यह जानकारी नहीं दी गई थी। जिन व्यापारियों ने किसानों का भुगतान रोका है, उनके विरुद्ध फफउ का प्रकरण दर्ज है।
इतने किसानों का भुगतान पेंडिंग
भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के जिन जिलों में किसानों की फसल का भुगतान नहीं किया गया है, उसमें 2018-19 से 2019-20 तक के मामले शामिल हैं। विभाग के अफसरों के अनुसार भोपाल जिले में वर्ष 2018-19 में 61 किसानों का फसल बेचने के बाद 36.97 लाख रुपए से अधिक का भुगतान रोका गया था जबकि इसी साल रायसेन मंडी में फसल बेचने के बाद 75 किसानों का 1.73 करोड से अधिक का भुगतान लंबित है। ओबेदुल्लागंज मंडी के दो किसानों का 6.84 लाख रुपए से अधिक का भुगतान वर्ष 2019-20 से पेंडिंग है। इसी तरह हरदा जिले के खिरकिया मंडी के 11 किसानों का 7.68 लाख रुपए से अधिक का पेमेंट बाकी है।