मझगांव बांध से नगर परिषद निवास द्वारा पेयजल हेतु जल निगम द्वारा स्वीकृत मांग को लेकर निवास SDM को सौंपा ज्ञापन
मंडला
जल निगम द्वारा नगर परिषद निवास में पेयजल हेतु मझगांव जलाशय से सीधे पानी पाईप लाईन द्वारा निवास लाया जायेगा,जिसको लेकर ग्रामवासियों को आपत्ति है जिसको लेकर क्षेत्र के ग्रामीण बड़ी संख्या में एसडीएम निवास कार्यालय पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है,ज्ञापन में बताया गया है, कि निवास के समीप ही करौदी वार्ड जो निवास से लगभग 2 किमी दूर है। यह वार्ड निवास नगर परिषद का अभिन्न भाग है। यहाँ पर जल संसाधन विभाग द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से बांध बनाया जा रहा है। विभाग द्वारा बांध निर्माण में जल का भी प्रावधान रखा गया है। लेकिन जल निगम द्वारा शासकीय राशि से ठेकेदार को लाभान्वित करने के उद्देश्य से लगभग 8 किमी दूर मझगांव जलाशय से पानी लाने का प्रस्ताव दिया जा रहा है। जो कि गंभीर जॉच का विषय है,अगर मझगाँव जलाशय से निवास नगर परिषद को पेयजल की आपूर्ति की जाती है, तो भीषण गर्मी के समय में पेयजल की निर्वाध आपूर्ति नहीं हो सकेगी,जिससे बताया गया कि परियोजना में लग रहे लगभग 38 करोड़ रुपये की राशि व्यर्थ ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जायेगी।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे किसानों ने कहा कि मध्यप्रदेश पेसा एक्ट अधिनियम के तहत ग्राम पंचायतों को जल, जंगल, जमीन के अधिकार सौंपे जा चुके हैं,जिसमें ग्राम सभा के अनुमोदन और सहमति के बिना जलाशय से पानी नहीं लिया जा सकता है। ग्राम पंचायत मझगाँव एवं ग्राम पंचायत कोहका की ग्राम सभाओं में उक्त पेयजल आपूर्ति के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया जा चुका है एवं पेसा एक्ट के तहत गठित समितियों भी उक्त कार्य से सहमत नहीं है। वहीं बता दे की इस जलाशय का निर्माण 1976 में हुआ था, बांध निर्माण के समय बांध का पेयजल में उपयोग होगा इसका कोई प्रावधान नहीं था। पेयजल हेतु निर्वाध आपूर्ति होने से किसानों को सिचाई हेतु पानी की कमी हो सकती है।
बांध निर्माण से आज दिनांक तक मिट्टी की सफाई नहीं हुई है, जिससे जल भराव की क्षमता पर गंभीर असर पड़ा है। तथा मझगाँव बांध की भराव क्षमता लगभग 8.2 एम सी एम है। इस बांध से 1650 है, कृषि भूमि की सिंचाई का है जिससे वर्तमान समय में रबी की फसल में लगभग 1100 हैक्टेयर और खरीफ की फसल में 450 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिचाई हो रही है। अगर नगर परिषद हेतु पेयजल की सीधी सप्लाई मझगाँव बांध से होती है तो 200 है, (लगभग 500 एकड़) जमीन सिंचित होने से वंचित हो सकती है और बांध की जल भराव हेतु मुख्य जल स्त्रोत मसूरघुघरी के छोटे से नाले से है। अगर समान्य से कम बारिश होती है तो बांध अपनी निर्धारित जल क्षमता को प्राप्त नहीं कर पाता है। ऐसी परिस्थिति में अनेकों बार किसानों को फसलों की सिचाई के लिए एक बार ही मुश्किल से पानी मिल पाता है जबकि इस क्षेत्र में भौगोलिक स्थिति के अनुसार तीन से चार बार पानी की आवश्यकता पड़ती है, सरल शब्दों में सामान्य से कम बारिश होने पर सूखा पड़ जाता है,तब ऐसी परिस्थिति में नगर परिषद को निर्वाध जल आपूर्ति हो पाना असंभव है,वहीं इस मझगांव जलाशय से लगभग 22 किमी. लंबी मुख्य शाखा एवं 22 किमी. माईनर शाखा से फसलों के लिए पानी प्रदाय किया जाता है,अगर नगर परिषद निवास को पानी दिया जाता है तो नहर में निर्धारित दूरी एवं रकबा का सिंचित नहीं किया जा सकेगा। इस मांग को लेकर क्षेत्रीय ग्रामीणों ने निवास एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की है।