प्रदेश में अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीन पर सरकार बनायेंगी सुराज कॉलोनियां, गरीबों को मिलेंगे मकान
भोपाल
मध्य प्रदेश में भू-माफियाओं के अतिक्रमण से मुक्त कराई गई 23,000 एकड़ से अधिक शासकीय जमीन पर गरीब आवासहीन परिवारों के लिए 'सुराज कॉलोनियां' बनेंगी और प्रदेश की राजधानी भोपाल के नीलबड़ क्षेत्र से इसकी शुरूआत भी हो गई है। भू-माफियाओं के अतिक्रमण से मुक्त कराई गई यह भूमि 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की है। मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग ने यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति में दी है। सरकार का कहना है कि भू-माफियाओं को मध्य प्रदेश से नेस्तनाबूद करने के दृढ़ संकल्प को मूर्त रूप दिया जा रहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर सभी जिलों में प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 2022 में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक की 23,000 एकड़ से अधिक अतिक्रमित शासकीय भूमि को भू-माफियाओं से मुक्त कराया है। अब इस भूमि पर सुशासन की नई इबारत लिखने के मुख्यमंत्री के सपने को साकार करने गरीब आवासहीन परिवारों के लिए 'सुराज कॉलोनियां' बसाई जाएंगी। भोपाल के नीलबड़ क्षेत्र से इसकी शुरुआत भी हो गई है।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जनहित में शिवराज सिंह चौहान द्वारा की जा रही सख्त कार्यवाही से गुंडे, बदमाश और माफिया खौफजदा हैं। सरकार की दृढ़-इच्छाशक्ति के चलते भू-माफियाओं से करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन न केवल मुक्त कराई जा सकी है वरन इससे भू-माफियाओं के आतंक से भी जनता को राहत मिली है। अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के पालन में प्रदेश में भू-माफियाओं के प्रति किसी भी प्रकार की कोई रियायत नहीं बरती जा रही है, न बरती जाएगी।
वहीं समाचार एजेंसी वार्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय के महत्वपूर्ण स्थान पर भूमि आवंटन की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण 42 करोड़ रुपए से अधिक की भूमि शासकीय अधिपत्य में ले ली गई। महिला सभा संस्था को कल्याणकारी कार्यक्रमों और निराश्रित बालग्रह संचालित करने के मकसद से आवंटित 22,780 वर्ग फीट की जमीन को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया। भूमि आवंटन शर्तों का उल्लंघन किए जाने के कारण प्रशासन ने यह कदम उठाया।
खरगोन एसडीएम की ओर से कलेक्टर न्यायालय को बताया गया कि महिला सभा को 1973 और 1970 में परिवार परामर्श केंद्र, सिलाई कढ़ाई केंद्र, प्रशक्षिण केंद्र और अनाथालय संचालित करने के लिए भूमि आवंटित की गई थी। संस्था की ओर से इन कार्यों को वर्ष 2015 में यह कहते हुए बंद कर दिया गया था कि भवन जीर्ण शीर्ण हो गया है। इतना ही नहीं शर्तों का उल्लंघन कर वहां बिना अनुमति 14 दुकानें बनाकर लाभ अर्जित किया जा रहा था। दुकानों और पांच भवनों को भी सील कर दिया गया है।