नए साल से पहले धंसा वाराणसी का प्राचीन दशाश्वमेध घाट, नगर निगम समेत इन टीमों ने ढूंढा कारण
वाराणसी
वाराणसी के प्राचीन दशाश्वमेध घाट के धंसने के कारणों की शनिवार को सिंचाई विभाग के नेतृत्व में जल निगम, नगर निगम व जलकल के अभियंताओं ने जांच की। दावा किया जा रहा है कि गंगा के कटान नहीं, बल्कि बाढ़ के दौरान सीपेज से मिट्टी बहने से एक हिस्सा धंस गया। सिंचाई विभाग ने जांच रिपोर्ट मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा को सौंपी है। वहीं नगर निगम ने गड्ढा भरने का काम शुरू कराया।
शुक्रवार रात गंगा आरती के थोड़ी देर बाद प्राचीन दशाश्वमेध घाट का एक हिस्सा धंस गया था। सिंचाई विभाग में बंधी प्रखंड के एई आरके सिंह घाट धंसने के कारणों की जांच करने शनिवार दोपहर मौके पर पहुंचे। उन्होंने जल निगम (गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई) के मुख्य अभियंता, जलकल के एक्सईएन ओपी सिंह, नगर निगम के चीफ इंजीनियर मैनुद्दीन व एक्सईएन अरविंद श्रीवास्तव के साथ पत्थरों को हटवाकर गड्ढे की स्थिति देखी। चार मीटर के व्यास में करीब एक मीटर की गहराई में गड्ढा दिखा। उसके अंदर की मिट्टी गीली थी, जबकि आसपास की मिट्टी कड़ी थी। इससे यह पता चला कि प्रभावित क्षेत्र में पहले पानी पहुंचा था।
सिंचाई विभाग के अभियंता ने संभावना जताई कि घाट पर बाढ़ के पानी के इस बार अधिक समय तक रूकने से सीपेज हो गया होगा। दबाव पड़ने से मिट्टी धंस गई। दरअसल, विभागों को चिंता यह है कि अब नया साल है और ऐसे में त्योहारों पर भीड़ घाटों पर उतरेगी और मकर संक्रांति भी पखवारे भर बाद है। यदि जल्द घाट की मरम्मत न हुई तो दिक्कत हो सकती है। लोगों ने मौके पर पहुंचे विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी को भी अपनी चिंता से अवगत कराया। उन्होंने नगर निगम के अफसरों को तत्काल मरम्मत करने का निर्देश दिया।