‘अल्लाह ने चाहा तो पाकिस्तान को आजाद करा लेंगे…’ TTP ने दी खुलेआम चेतावनी, अब पाक की खैर नहीं
नई दिल्ली
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) लगभग रोजाना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमले कर रहा है। अब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को चेतावनी दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुए एक वीडियो में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कमांडर उमर शाहिद ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ धार्मिक युद्ध शुरू करने की धमकी दी है। Expand TTP के कमांडर ने दी धमकी TTP के कमांडर उमर शाहिद ने कहा, "हम बद्र की लड़ाई में पैगंबर के साथियों के नक्शेकदम पर चलते हुए जिहाद कर रहे हैं। अल्लाह ने चाहा तो हम पाकिस्तान को आजाद करा देंगे और गुलामी की बेड़ियों को तोड़ देंगे।" बतादें कि बद्र की लड़ाई इस्लाम धर्म में पहली जंग थी। TTP का उद्देश्य पाकिस्तान में बंदूक के दम पर शरिया लागू करना है। इसी को लेकर TTP के लड़ाके, जिन्हें पाकिस्तान तालिबान भी कहा जाता है, पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं।
पाकिस्तान के लिए माना जा रहा खतरा TTP कमांडर की इस धमकी को पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है। TTP के आतंकी इमरान खान के गृह राज्य खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान समेत अफगानिस्तान सीमा से सटे कई क्षेत्रों में एक्टिव हैं। पाकिस्तान में कई सांसदों ने TTP आतंकियों के हमलों का जिक्र संसद में किया है। इन सांसदों का दावा है कि TTP आतंकवादियों ने स्वात, वजीरिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा के कई इलाकों पर अपना कब्जा कर लिया है। इन इलाकों में पुलिस भी जाने से डरती है। पाकिस्तान ने तालिबान को धमकाया सोशल मीडिया में भी आतंकवादियों के स्थापित चेकपोस्ट के वीडियो शेयर किए जा रहे हैं। पाकिस्तानी सरकार का दावा है कि TTP के आतंकी हमले करने के बाद अफगानिस्तान में जाकर छिप जाते हैं। ऐसे में उनको ढूंढना काफी मुश्किल हो जाता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने तो TTP को लेकर तालिबान से संबंध तोड़ने की धमकी तक दे डाली है।
उन्होंने यहां तक दावा किया था कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान में घुसकर ऑपरेशन को अंजाम देने का अधिकार रखती है। कौन हैं तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान? पाकिस्तान में जितने भी आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं, उनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को माना जाता है। TTP का उद्देश्य अफगान तालिबान की तर्ज पर पाकिस्तान की कथित चुनी हुई सरकार को उखाड़ फेंकना है, ताकि पाकिस्तान में इस्लामिक शरिया कानून को और भी कट्टर तरीके से लागू किया जा सके। पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए TTP ने कई बार पाकिस्तानी सेना पर भी हमला किया हैं और कई पाकिस्तानी नेताओं की नृशंस हत्याओं में भी इसका नाम शामिल है। हाल में ही TTP के हमले काफी बढ़ गए हैं जिससे पाकिस्तान बुरी तरह से परेशान है। TTP ने ही 2012 में मलाला यूसुफजई पर हमला कराया था।