September 22, 2024

साल का पहला दिन देश के लिए लायाअच्छी खबर,दिसंबर 2022 में जीएसटी संग्रह 1,49,507 करोड़ रुपये रहा

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नई दिल्ली
 वित्त मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2022 में जीएसटी संग्रह 1,49,507 करोड़ रुपये रहा, जो नवंबर 2022 में एकत्र किए गए 1,45,867 करोड़ रुपये से 2.5 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, साल-दर-साल आधार पर, दिसंबर 2022 के लिए एकत्रित जीएसटी राजस्व दिसंबर 2021 के संग्रह से 15 प्रतिशत अधिक है, दिसंबर 2021 में 1,29,780 करोड़ रुपये एकत्र हुए थे।

मासिक जीएसटी राजस्व लगातार 10 महीनों के लिए 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जैसा कि आंकड़ों में उल्लेख किया गया है। दिसंबर 2022 के दौरान सकल जीएसटी राजस्व 1,49,507 करोड़ रुपये है, जिसमें सीजीएसटी 26,711 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 33,357 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 78,434 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 40,263 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 11,005 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 850 करोड़ रुपये सहित) है।

सरकार ने नियमित निपटान के तौर पर आईजीएसटी से सीजीएसटी में 36,669 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 31,094 करोड़ रुपये का निपटान किया है। दिसंबर 2022 में नियमित निपटान के बाद केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 63,380 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 64,451 करोड़ रुपये है।

दिसंबर 2022 में राजस्व संग्रह सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल इसी अवधि में जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा था। दिसंबर 2022 में माल के आयात से राजस्व आठ प्रतिशत बढ़ा, जबकि घरेलू लेनदेन से राजस्व (सेवाओं के आयात सहित) सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़ा। नवंबर 2022 में 7.9 करोड़ ई-वे बिल जारी किए गए, जो अक्टूबर 2022 के 7.6 करोड़ ई-वे बिल से काफी अधिक थे।

डेलॉइट इंडिया के पार्टनर एम एस मणि ने कहा, ”घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व में 18 फीसदी की वृद्धि ई-वे बिल जारी करने में बढ़ोतरी और प्रमुख विनिर्माता एवं खपत वाले राज्यों के जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है।’ केपीएमजी के साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि त्योहारी बिक्री खत्म होने के बाद भी 1.5 लाख करोड़ रुपये का मासिक संग्रह अब एक सामान्य स्थिति बनती हुई दिखाई देती है।
मंत्रालय ने कहा था- जीएसटी काउंसिल का असर दिखने लगा है

मंत्रालय ने कुछ महीने पहले कहा था कि जीएसटी काउंसिल के लिए फैसले का साफ असर दिखने लगा है। GST काउंसिल ने पिछले कुछ महीनों के दौरान बेहतर अनुपालन के लिए कई उपायों की पहल की। जीएसटी का कलेक्शन उस वक्त बढ़ रहा है, जब रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है।

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