2 साल में ठगी का सबसे बड़ा सरगना, गिरोह बनाकर तैयार किया नेटवर्क, बन गया करोड़पति
अलीगढ़
देश में अभी तक की नौकरी के नाम पर सबसे बड़ी ठगी का सरगना जफर अलीगढ़ शहर के सिविल लाइंस इलाके में परिवार सहित रहता है। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने उसे 29 दिसंबर को उसके घर से गिरफ्तार किया। आरोपी दो साल पहले घर से नौकरी लगने की बात कहकर गया था। इसके बाद से वह शनिवार-रविवार को ही आता था।
25 वर्षीय जफर अहमद पुत्र रज्जाक अहमद सिविल लाइंस इलाके के हमदर्द नगर-ए, गोल मार्केट का रहने वाला है। उसके परिवार में मां-पिता, भाई, पत्नी, बच्चा है। अलीगढ़ से उसने स्कूलिंग की और उसके बाद विवेकानंद कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पेशे से सिविल इंजीनियर है। दो साल पहले वह नोएडा की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी करने अलीगढ़ से चला गया। इसके बाद ही उसने गिरोह बनाया और ओडिशा के अलावा, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के नौकरी चाहने वालों को निशाना बनाया। ओडिशा ईओडब्ल्यू के मुताबिक शुरुआती अनुमान के अनुसार देश भर में लगभग 50,000 पीड़ित हो सकते हैं। दो साल के भीतर वह अपराध से अर्जित पैसे से करोड़पति बन गया। आलीशान घर से लेकर अन्य सुख संसाधन जुटा लिए। उसके पिता पेशे से किसान हैं। बड़ा भाई ई-रिक्शा बेचने का काम करता है। परिवार मूलरूप से बुलंदशहर के नारायणपुर का रहने वाला है।
पड़ोसी हैरान, परिवार बता रहा बेगुनाह
जफर अहमद की गिरफ्तारी के लिए ओडिशा ईओडब्ल्यू टीम के साथ ही सिविल लाइंस पुलिस ने 29 दिसंबर को उसके घर पर दबिश दी। वह घर पर नहीं मिला। परिवार वालों ने बताया कि वह अपने भाई की ई-रिक्शा की दुकान पर गया है। टीम तत्काल वहां गई और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद पड़ोसी हैरान रह गए। तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। इधर, परिवार वाले जफर को अभी भी बेगुनाह मान रहे हैं। उनका कहना है कि वह इंसाफ के लिए कोर्ट के जरिये लड़ाई लड़ेंगे।
शनिवार को रविवार को आता था अलीगढ़
परिवार वालों ने बताया कि जफर अहमद शनिवार व रविवार को अलीगढ़ आता था। सोमवार को वह नोएडा चला जाता था। इधर, ईओडब्ल्यू द्वारा जारी प्रेस नोट में खुलासा किया गया है कि मुख्य आरोपियों में शामिल जफर अहमद पेशे से इंजीनियर है। कोर ग्रुप, जिसमें इंजीनियर शामिल थे। यह सभी एक कॉल सेंटर के 50 कर्मचारियों द्वारा सहायता लेकर ठगी का गिरोह चला रहे थे। इन कर्मचारियों को प्रति माह 15 हजार रुपये का भुगतान किया जाता था। इस कॉल सेंटर में अधिकांश युवा जमालपुर, अलीगढ़ के जुड़े हैं। इससे लोकल पुलिस व खुफिया तंत्र इन युवकों के विषय में जानकारी जुटाने में लग गया है। जानकारी मिली है कि शानिवार और रविवार को अलीगढ़ में रहने के दौरान जफर कॉल सेंटर में कार्य करने के लिए लड़के तैयार करता था।
ठगी की दुनिया से प्रेरित हो रहे अलीगढ़ के युवा
अलीगढ़ में साइबर अपराध तेजी से पनप रहा है। यहां के युवा साइबर अपराधियों से प्रेरित होकर अपराध की इस नई तरह की दुनिया में कदम बढ़ा रहे हैं। पिछले तीन सालों में पुलिस ने कई बार छापेमारी कर इसका खुलासा किया है और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है।
नौकरी का झांसा
अलीगढ़ में साइबर अपराध की प्रवृत्ति की बात करें तो यहां सबसे पहले क्वार्सी थाना पुलिस ने 2019 में एक गैंग पकड़ा था, जो कि नौकरी का झांसा देकर लोगों से ठगी करता था। इस गिरोह के कई सदस्यों को उस वक्त पुलिस ने जेल भेजा था। इसमें चार अपराधी अलीगढ़ के ही रहने वाले थे। इसके अलावा हाल में असम पुलिस ने क्वार्सी के एक दिव्यांग को पकड़ा था, जिसने करोड़ रुपये की ठगी नौकरी का विज्ञापन देकर की थी।
शादी का झांसा
सिविल लाइंस और गांधी पार्क पुलिस की टीम ने 13 साइबर शातिरों को अक्टूबर माह में गिरफ्तार किया था। यह गैंग शादी का झांसा देकर लोगों से ठगी का काम करता था। इसके तार जामताड़ा और छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए हैं। इन सभी को भी जेल भेज दिया गया। इस गैंग के सरगना दंपत्ति ने जामताड़ा और छत्तीसगढ़ से ट्रेनिंग ली थी।
लोन के नाम पर ठगी
28 अप्रैल 2022 को अलीगढ़ में फर्जी कागजात तैयार करा कर फाइनेंस कंपनियों से ठगी करने वाले गैंग का पुलिस ने खुलासा किया था। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने पांच आरोपियों के कब्जे से आधार कार्ड, पैन कार्ड, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड सहित फाइनेंस कंपनियों से फर्जी तरीके से खरीदे गये सामान भी बरामद किये थे। यह गैंग फाइनेंस कंपनियों से फर्जी दस्तावेजों पर लोन मंजूर कराता था और फरार हो जाता था।
पॉलिसी रिफंड का झांसा
26 फरवरी 2021 को अलीगढ़ साइबर थाना पुलिस ने को पॉलिसी रिफंड कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया था। यह गैंग दिल्ली, नोएडा, उप्र के लोगों को ठगी का शिकार बनाता था। पुलिस ने इनके पास से भारी मात्रा में मोबाइल, डेबिट कार्ड, लैपटॉप आदि बरामद किए थे।
गभाना के तीन युवक एसटीएफ ने दबोचे थे
अंतरराज्यीय स्तर पर सस्ते ब्याज की दर से लोन देने का लालच देकर सैकड़ों लोगो से करोड़ो रुपये की ठगी करने वाले गैंग के पांच सदस्यों एसटीएफ ने 30 सितंबर को आगरा से गिरफ्तार किया था। इसमें शिव कुमार पुत्र राजेंद्र जादौन निवासी टमकोली, थाना गभाना, अलीगढ़, रोहित कुमार पुत्र मदनपाल सिंह निवासी गांव टमकोली, गभाना, अलीगढ़, वक्रिम पुत्र मुकेश पाल सिंह निवासी टमकोली, गभाना, अलीगढ़ को भी इस गैंग के साथ गिरफ्तार किया था।
जफर से पहले अलीगढ़ के मोबाइल मिस्त्री ओिड़शा के सैकड़ों लोगों से की थी ठगी
क्वार्सी थाना क्षेत्र के मौलाना आजाद नगर के यूसुफ उर्फ मोनू खान ने ओडिशा के स्थानीय समाचार पत्रों में उड़िया भाषा में नौकरी का विज्ञापन प्रकाशित कराकर वहां के सैकड़ों लोगों से आवेदन फीस के तौर पर तीन-तीन हजार रुपये जमा कराके करोड़ों रुपयों की ठगी की थी। युवक दिव्यांग था। पेश से मोबाइल मिस्त्री था। आईटीआई रोड पर मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता था।