September 23, 2024

पच्चीस करोड़ रुपए से अधिक के खर्च के लिए फायनेंस की अनुमति लेना अनिवार्य होगा

0

भोपाल

चालू वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन महीनोें के दौरान सरकारी महकमों को पच्चीस करोड़ रुपए से अधिक के खर्च के लिए फायनेंस की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। वहीं कार्यालय खर्च, वेतन-भत्ते, मजदूरी, यात्रा भत्ते, पूंजीगत मद, सभी प्रतीक प्रावधन और उर्जा तथा खनिज के लिए  संपूर्ण राशि मासिम सीमा के साथ खर्च करने की अनुमति दे दी है। सभी विभागों को पूंजीगत खर्चो के लिए शेष बीस फीसदी राशि खर्च करने के लिए वित्त विभाग की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। वित्त विभाग के सचिव ज्ञानेश्वर पाटिल ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुखसचिव, सचिव और बजट नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वित्तीय वर्ष 22-23 की शेष अवधि हेतु वर्ष के मूल बजट एवं प्रथम अनुपूरक अनुमान से आवंटित राशि तथा द्वितीय अनुपूरक बजट अनुमान के संपूर्ण प्रावधान को शामिल करते हुए व्यय सीमा निर्धारित की गई है।

 वित्त विभाग के सचिव ज्ञानेश्वर पाटिल ने अफसरों को भेजे निर्देश में कहा है कि पच्चीस करोड़ रुपए से अधिक के देयकों का भुगतान करने के लिए कोषालय से आहरण करने के लिए वित्त विभाग की अनुमति लेना जरुरी होगा। इसके अलावा शेष सभी कामों के लिए त्रैमसिक व्यय और विशेष व्यय सीमा का पालन करना होगा। बजट में शेष योजनाओं और मदों के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेने के बाद ही राशि निकाली जा सकेगी। केन्द्रीय क्षेत्रीय योजनाओं, केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में भारत सरकार से राशि प्राप्त होने के बाद ही राशि निकाली जा सकेगी।

पूंजीगत खर्चो के लिए छूट
सभी निर्माण विभागों को नए भवन, बांध, जलाशय, सड़कों, बड़ी स्थाई मशीनों की खरीदी के लिए खर्च की जाने वाली राशि, पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित बजट की शेष राशि केवल बजट का बीस प्रतिशत छोड़कर शेष राशि खर्च करने की वित्त विभाग ने अनुमति दे दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *