उत्तर बस्तर कांकेर : शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त क्षेत्र बनाने की तैयारी
कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला की अध्यक्षता में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। तंबाकू नियंत्रण हेतु अंतर विभागीय समन्वय को बढ़ाने एवं कोटपा एक्ट 2003 के अनुपालन हेतु आयोजित इस समिति की बैठक में जिले के सभी विभाग के अधिकारी मौजूद थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे एवं जिला सलाहकार डॉ. विनोद द्वारा तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान एवं कार्यालय सहित धूम्रपान मुक्त जिला बनाने के प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी गई तथा कोटपा एक्ट 2003 की धारा 4 एवं 6 के अतिरिक्त धारा 5 व 7 के प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही हेतु सुझाव दिया गया। धारा – 4 के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध है। नियम तोड़ने पर 200 रुपए का जुर्माना से दंडित किया जा सकता है। धारा- 5 सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध से जुड़ा है। नियमों के उल्लंघन पर पहली दफा एक हजार रुपए एवं दो वर्ष की सजा का प्रावधान है। दूसरी दफा पांच हजार रुपए का जुर्माना और पांच वर्ष की कैद का प्रावधान है। धारा – 6 नाबालिग एवं शैक्षिक संस्थानों के आसपास बिक्री करने या उपयोग करने पर प्रतिबंध से जुड़ा है। नियमों के उल्लंघन पर 200 रुपए का जुर्माने का प्रावधान है। धारा- 7, 8, 9 बगैर विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी के सिगरेट और अन्य तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध से जुड़ा है। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग, नगर पालिका, श्रम विभाग एवं अन्य विभागों के द्वारा समय-समय पर चालानी कार्यवाही की जाती है। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला चिकित्सालय कांकेर में नशा मुक्ति केंद्र की सुविधा भी प्रदाय की जा रही है।