September 22, 2024

फिल्म ‘तारे जमीं पर’ के एनीमेटर धीमंत व्यास की कला प्रदर्शनी में प्रकृति की भव्यता को समेटने की कोशिश

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धनबाद : देश के प्रख्यात एनीमेटर (कार्टून फिल्म निर्माता) एवं विभिन्न कला माध्यमों के कलाकार, धीमंत व्यास की मुंबई के जहांगीर आर्ट गैलरी में सात दिन तक चलने वाली कला प्रदर्शनी में प्रकृति की भव्यता को उसकी पूरी व्यापकता में समेटने की कोशिश की गई है। धीमंत व्यास ने पत्रकारों को
बताया, ‘‘इस प्रर्दशनी में मैंने अपने जीवन के सबसे प्रिय विषय ‘प्रकृति’ को चुना है जिसकी विशालता और मूक स्नेह मुझे हमेशा रोमांचित करता आया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समीक्षकों ने मेरी र्शली को ‘नेचुरा स्टाइल’ का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि इस शैली में मैंने प्रकृति की भाषा को विश्व लोकशैली के कला प्रारूप में, उसके चटख रंगों में, विशिष्ट यादगार अहसास के साथ संवारने की कोशिश की है जो दर्शकों को उनकी गुम हो चुकी दुनिया में ले जाकर तरोताजा कर सके।’’
उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में मेरे साथ मेरी बेटी काव्या व्यास भी हिस्स ले रही हैं जो अपनी विभिन्न पेंटिंग में पकृति के मौन, उसके प्यार, सौंदर्य, अंतहीन यात्रा, आत्मानुभूति को मछली की नजर से प्रकृति की गति को दर्शाते हैं। इन पेंटिंग में मछली की आंख से पकृति की भाषा पढ़ने की कोशिश की गई है।
आमिर खान निर्देशित फिल्म ‘‘तारे जमीं पर’ की शुरुआत में फिल्म के चरित्रों के नाम ‘क्ले एपीमेशन’ के जरिये दर्शाये गये हैं जिस एनीमेशन हिस्से को धीमंत व्यास ने बनाया था। व्यास ने बताया कि आमिर खान विशेष रूप से एनीमेशन के जरिये कलाकारों का परिचय कराने को लेकर काफी रुचि ले रहे थे और जब भी उन्हें मौका मिलता था वह हमारी टीम के साथ होते थे। इस फिल्म की सफलता ने रातों रात धीमंत व्यास को फिल्म उद्योग का जाना माना नाम बना दिया था। बाद में उन्होंने बड़े बजट की फिल्म ‘बाहुबली’ में ‘स्क्ल्पचर’ का काम किया।
मौजूदा समय में धीमंत व्यास प्रमुख शैक्षणिक प्रौद्योगिकी कंपनी ‘बायजू’ के ‘चीफ क्रिएटिव डायरेक्टर’ (मुख्य रचनात्मक निदेशक) हैं। उन्हें देश में प्रसिद्ध एनीमेटर पद्मश्री राममोहन के समृति में गठित ‘राममोहन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। वर्ष 2003 में उन्हें लातिविया का बेहतरीन एनीमेशन फिल्म का पुरस्कार मिला। ‘‘क्यूट बनी’’ एनीमेशन फिल्म के लिए व्यास को बच्चों के लिए बनाई गई एनीमेशन फिल्म का पुरस्कार दिया गया। उनकी लघु फिल्म ‘‘हैप्पी प्लेनेट’ के लिए वर्ष 2007 में जापान में पुरस्कार से नवाजा गया। वर्ष 2018 में उन्हें चेक गणराज्य में आयोजित 44वें अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण फिल्म फेस्टिवल’ स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। बेहतरीन लघु फिल्म इसके साथ ही व्यास, मुंबई स्थित टाटा इंटरेक्टिव सिस्टम्स में वरिष्ठ परामर्शक के रूप में काम कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने बीबीसी, यूनीसेफ, कार्टून नेटवर्क और विवेलेडियॉन जैसे ब्रांडों के साथ भी काम किया है। उन्होंने फोटोग्राफी के क्षेत्र में भी कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। उन्होंने अपना कला की शिक्षा अहमदाबाद स्थित ‘नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन’ (एनआईडी) से प्राप्त की है।

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