November 26, 2024

 प्रधानमंत्री मोदी के वर्चुअल संबोधन में बोले -हमें पानी बचाने के लिए जागरूक करने की जरूरत

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भोपाल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल में आयोजित जल पर प्रथम अखिल भारतीय वार्षिक राज्य मंत्रियों के सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत जल सुरक्षा में अभूतपूर्ण काम कर रहा है और अभूतपूर्ण निवेश भी कर रहा है। जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि जियो मैपिंग और जियो सेंसिंग जैसी तकनीक जल संरक्षण के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। कई राज्यों ने इसमें अच्छा काम किया है और कई राज्य इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जल संरक्षण के लिए केंद्र ने अटल भू-जल संरक्षण योजना की शुरुआत की है।

PM ने कहा, हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय, राज्यों के नियंत्रण में आता है। जल संरक्षण के लिए राज्यों के प्रयास, देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। जल संरक्षण से जुड़े अभियानों में जनता को, सामाजिक संगठनों को, सिविल सोसाइटी को भी ज्यादा से ज्यादा साथ लेना होगा। जब किसी अभियान से जनता जुड़ी रहती है, तो उसे कार्य की गंभीरता भी पता चलती है। इससे जनता में किसी योजना या अभियान के प्रति सेंस ऑफ ऑनरशिप आती है। सेंस ऑफ ऑनरशिप सफलता की कुंजी है।

 

 

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, पीएम मोदी के रूप में हमें विजनरी लीडर मिले हैं। वो कल्पनाशील मस्तिष्क के धनी हैं। वो संकल्प लेते हैं और खुद को ही नहीं झोंकते, हम सबको भी झोंकने की कोशिश करते हैं। जिन विषयों पर कभी विचार नहीं होता था। आज उन पर विचार हो रहा है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत पानी के क्षेत्र में 16 हजार करोड़ का निवेश कर रहा है।

कॉन्फ्रेंस से जुड़कर PM मोदी ने कहा…

  •     हमारी नदियां, हमारी वाटर बॉडीज पूरे वाटर ईको सिस्टम का सबसे अहम हिस्सा होते हैं। हमारी कोई भी नदी या वाटर बॉडी बाहरी कारकों से प्रदूषित न हों, इसके लिए हमें हर राज्य में वेस्ट मैनेजमेंट और सीवेज ट्रीटमेंट का नेटवर्क बनाना होगा।
  •     जल संरक्षण के क्षेत्र में भी सर्कुलर इकॉनामी की बड़ी भूमिका है। जब ट्रीटेड वाटर को रीयूज किया जाता है। फ्रेश वाटर को कंजर्व किया जाता है, तो इससे पूरे ईको सिस्टम को बहुत लाभ होता है।
  •     इंडस्ट्री और खेती दोनों सेक्टर्स को ही पानी की कितनी जरूरत होती है। हमें इन दोनों ही सेक्टर्स से जुड़े लोगों में विशेष अभियान चलाकर इन्हें वाटर सिक्योरिटी के प्रति जागरूक करना चाहिए। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सभी राज्यों में तेजी से काम हो रहा है। इसके अंतर्गत 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' अभियान की शुरुआत की गई थी।
  •     जल संरक्षण के लिए केंद्र ने अटल भूज संरक्षण योजना को शुरू किया है। ये एक संवेदनशील अभियान है। इसे उतनी ही संवेदनशीलता से आगे बढ़ाने की जरूरत है।
  •     ग्राम पंचायतें अगले 5 साल का प्लान पानी को केंद्र में रखकर बनाएं। कुछ राज्यों में पंचायत स्तर पर वाटर बजट तैयार किया गया है। इसे दूसरे राज्य भी अपना सकते हैं।
  •     हमें पॉलिसी लेवल पर भी पानी से जुड़ी परेशानियों के समाधान के लिए सरकारी नीतियों से बाहर आना पड़ेगा। हमें प्रॉब्लम को पहचानने और सॉल्यूशन के लिए टेक्नोलॉजी और खासकर स्टार्टअप को जोड़ना पड़ेगा।
  •     हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन आपके राज्य का एक बड़ा डेवलपमेंट पैरामीटर है। कई राज्यों ने इसमें अच्छा काम किया। कई राज्य इसमें आगे बढ़ रहे हैं। अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि एक बार ये व्यवस्था बन गई तो आगे भी इसकी देखरेख अच्छे ढंग से चलेगी।
  •     हमारी कोई भी नदी या वाटर बॉडी प्रदूषित न हो, इसके लिए हमें हर राज्य में वेस्ट मैनेजमेंट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर फोकस करना होगा।

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