दिल्ली में MCD मेयर का चुनाव आज, इस्तेमाल होंगे 3 रंग के बैलेट पेपर, जानें कौन-कौन हैं उम्मीदवार
नई दिल्ली
दिल्ली में MCD इलेक्शन के बाद अब मेयर चुनाव के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. आज शुक्रवार यानी 6 जनवरी 2023 को दिल्ली MCD के मेयर पद का चुनाव होगा. इसके साथ-साथ डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर्स भी चुने जाएंगे. इसके लिए बैलेट पेपर का कलर कोड तय किया जा चुका है. मेयर चुनाव के लिए वोटिंग सुबह 11 बजे से शुरू होगी.
चुनाव से पहले दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में फिर खटपट भी हुई है. ये विवाद एलजी द्वारा पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर है. एलजी है शुक्रवार को होने वाले मेयर चुनाव के लिए बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया. इसपर AAP ने आपत्ति जताई है. पीठासीन अधिकारी का काम होगा कि शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम में मेयर का चुनाव करवाए.
मेयर पद के उम्मीदवार
– रेखा गुप्ता (बीजेपी)
– शैली ओबेरॉय (AAP)
डिप्टी मेयर के उम्मीदवार
– कमल बागड़ी (बीजेपी)
– आले मोहम्मद इकबाल (AAP)
स्टैंडिंग कमेटी (6 सीटों पर सात उम्मीदवार)
– कमलजीत शेहरावत, गजेन्द्र दराल और पंकज लूथरा (बीजेपी)
– आमिल मलिक, रमिंदर कौर, मोहिनी जीनवाल और सारिका चौधरी (AAP)
11 बजे के करीब होगा दिल्ली मेयर का चुनाव
शुक्रवार को सबसे पहले सभी पार्षद शपथ लेंगे. फिर 11 बजे के करीब मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव होगा. ये सारा कार्यक्रम सिविक सेंटर के चौथे फ्लोर पर होगा.
मेयर चुनाव के लिए तय हुआ कलर कोड-
– वाइट बैलेट पेपर से मेयर चुनाव
– डिप्टी मेयर चुनाव के लिए ग्रीन बैलेट
– स्टैंडिंग कमेटी मेंबर्स के लिए पिंक बैलेट पेपर
उपराज्यपाल और AAP में क्यों ठनी
दोनों में विवाद पीठासीन अधिकारी को लेकर है. उपराज्यपाल ने बीजेपी की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है. जबकि दिल्ली सरकार ने पीठासीन अधिकारी के लिए आम आदमी पार्टी के पार्षद मुकेश गोयल के नाम का प्रस्ताव उप राज्यपाल को भेजा था.
बता दें कि बीजेपी पार्षद सत्या शर्मा पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर रह चुकी हैं जबकि आम आदमी पार्टी पार्षद मुकेश गोयल 1997 से पार्षद हैं और इस समय दिल्ली नगर निगम में सबसे पुराने पार्षद हैं.
इस तरह रोचक हुआ MCD मेयर का चुनाव
दिल्ली में मेयर का चुनाव रोचक होने वाला है. आम आदमी पार्टी के पास एमसीडी के सदन में बहुमत है, ये जानते हुए भी बीजेपी ने अपना मेयर उम्मीदवार उतारा है.
आम आदमी पार्टी नंबर गेम में बीजेपी से कहीं आगे है. विधानसभा में संख्याबल के आधार पर 14 में से 13 नामित विधायक AAP के हैं जो मेयर चुनाव में वोट डालेंगे. 10 सांसदों को भी वोटिंग अधिकार है जिसमें 7 बीजेपी के हैं तो 3 राज्यसभा सांसद आप के. इसलिए कुल जिन 274 चुने हुए नुमाइंदों को वोटिंग का अधिकार है उसमें 150 की संख्या आम आदमी पार्टी के पास है जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास महज 113 वोट हैं.
बीजेपी ने मेयर चुनाव के लिए सानियर नेता रेखा गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. जो कि तीसरी बार पार्षद बनी हैं. बीजेपी नंबर गेम में भले पीछे है लेकिन एमसीडी में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है और ना ही कोई व्हिप काम करता है। तो अगर जोड़ तोड़ हुई तो संभावनाएं असीमित हैं.
स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव बिल्कुल अलग
स्टैंडिंग कमेटी में 12 सदस्य होते हैं. दिल्ली नगर निगम 12 ज़ोन में विभाजित है और हर ज़ोन से एक-एक सदस्य स्टैंडिंग कमेटी में आता है. जहां मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव बहुमत के आधार पर होता है, यानि एक पार्षद सिर्फ एक ही उम्मीदवार को अपना वोट दे सकता है और उसमें जिस उम्मीदवार को ज़्यादा मत मिलेंगे वही महापौर या उपमहापौर बन जाएगा. इस चुनाव में नामित विधायकों और दिल्ली के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को भी वोटिंग अधिकार होता है. लेकिन स्टैंडिंग कमेटी सदस्यों का चुनाव बिलकुल ही अलग है.
राज्यसभा चुनावों की तरह यहां आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली की तरह सदस्य निर्वचित किए जाते हैं. कुल 6 सदस्यों के चुनाव के लिए प्रिफरेंशियल वोटिंग की जाती है. यानि हर पार्षद उम्मीदवारों की लिस्ट में से अपना प्रिफरेंस चुनता है. अगर फर्स्ट प्रिफरेंस के आधार पर किसी उम्मीदवार को जीत नहीं मिलती तो उसके सेकंड, थर्ड और उसके आगे के प्रिफरेंस की गणना की जाती है.
स्टैंडिंग कमेटी सदस्यों के चुनाव में क्या हैं समीकरण
दिल्ली नगर निगम में सदन से 6 स्टैंडिंग कमेटी सदस्य चुने जाने हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी ने 4 तो वहीं बीजेपी ने 3 उम्मीदवार उतारे हैं. इसका मतलब ये कि एक सीट के लिए दोनों पार्टियों में कांटे की टक्कर होगी जबकि 5 सीटों में तीन आम आदमी पार्टी को जबकि दो बीजेपी को मिलनी तय है. स्टैंडिंग कमेटी सदस्यों के चुनाव में नामित विधायकों और सांसदों को वोटिंग का अधिकार नहीं होता है. यानि यहां कुल वोट 250 ही होंगे.