September 24, 2024

बीएसएससी पेपर लीक की अफवाह फैलाने में दो गिरफ्तार, मोबाइल के साथ दी थी परीक्षा

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 पटना 

  बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की गत 24 दिसंबर को तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा की पहली पाली के प्रश्न-पत्र लीक होने की अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा कसने लगा है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इस मामले में एक दूसरी एफआईआर दर्ज करते हुए दो अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। इसमें एक प्रशांत कुमार और दूसरा सन्नी पटेल है। प्रशांत रोहतास जिला के बिक्रमगंज थाना क्षेत्र के धनगाई गांव के नटवर रोड का रहने वाला है। उसे झारखंड के चिरकुंडा से गिरफ्तार कर लाया गया है। उसका परीक्षा केंद्र दानापुर स्थित बीएसएस कॉलेज था। यहां 24 दिसंबर की सुबह 10 बजे से दोपहर सवा 12 बजे तक उसने कमरा संख्या-7 में परीक्षा दी थी। इसके बाद उसने प्रश्न-पत्र जमा करने से ठीक पहले इसके कुछ पन्नों की फोटो खींचकर परीक्षा समाप्त होने के 55 मिनट बाद दोपहर करीब सवा बजे अपने दो मित्रों सन्नी और एक अन्य को भेज दिया।

सन्नी को मुसल्लहपुर हाट से किया गया गिरफ्तार
सन्नी ने इसे कई लोगों और कुछ वाट्स-एप ग्रुप में पेपर भेजा था। इसके बाद यह प्रश्न-पत्र वायरल हो गया और कुछ लोगों ने सुनियोजित तरीके से अफवाह फैला दी कि इस परीक्षा का प्रश्न-पत्र भी लीक हो गया है। प्रशांत की निशानदेही पर सन्नी को पटना के मुसल्लहपुर हाट से गिरफ्तार किया गया। जबकि जिस दूसरे छात्र के मोबाइल पर प्रशांत ने प्रश्न-पत्र भेजा था, वह अभी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। जांच में सन्नी के मोबाइल लोकेशन से यह पता चला कि प्रश्न-पत्र वायरल करने के बाद वह स्वयं इसके खिलाफ पटना के डाकबंगला चौराहा समेत अन्य स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे युवाओं के साथ जोर-शोर से नारेबाजी कर रहा था। जांच में यह भी पता चला कि सन्नी की परीक्षा अच्छी गयी थी, फिर भी वह परीक्षा रद्द कराने के लिए चल रहे प्रदर्शन का समर्थन कर रहा था।

दूसरी एफआईआर ईओयू ने की दर्ज
ईओयू ने प्रश्न-पत्र लीक करने की अफवाह फैलाकर युवाओं को धरना-प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने और प्रशांत के परीक्षा केंद्र पर चोरी-छिपे मोबाइल ले जाने के मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की है। ईओयू की ओर से दर्ज इस कांड संख्या-1/23 में 420, 467, 468, 469, 471, 120 (बी), आईटी एक्ट-66 समेत अन्य धाराएं जोड़ी गयी हैं। एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत पेपर के फोटो को वायरल कर छात्रों को परीक्षा के खिलाफ आंदोलन के लिए प्रेरित करने के पीछे कुछ खास लोगों या गिरोह की भी भूमिका सामने आई है। उनकी पहचान जल्द सभी की गिरफ्तारी होगी।

चल रही जांच:
फिलहाल इसकी जांच की जा रही है कि प्रशांत दानापुर के बीएएस कॉलेज परीक्षा केंद्र में चोरी-छिपे कैसे मोबाइल लेकर अंदर चला गया और कॉपी जमा करने से ठीक पहले पन्नों की फोटो खींचने में सफल रहा। इस परीक्षा केंद्र के संबंधित वीक्षकों से भी इस मामले में पूछताछ चल रही है। अब तक की पूछताछ में प्रशांत ने बताया कि उसने सही प्रश्नों का मिलान करने के लिए दोस्तों को इसे भेजा था परंतु सन्नी जैसे छात्रों ने इसे कई स्थानों पर जानबूझ कर वायरल करके परीक्षा को रद्द कराने के लिए इतना बड़ा हंगामा कराया। 

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