September 25, 2024

RJD नेता जगदानंद सिंह का विवादित बयान, बोले- ‘उन्मादियों के हुए राम, नफरत की जमीन पर ‘ राम मंदिर’ का निर्माण’

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 अयोध्या
 
Jagada Nand Singh: अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे राम मंदिर (ram mandir) को लेकर बिहार RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagada Nand Singh) ने शुक्रावार 06 जनवरी विवादित बयान दिया। जगदानंद सिंह ने कहा, 'नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।' अपने इस बयान की वजह से जगदानंद सिंह मीडिया की सुर्खियों में आ गए है। बता दें कि राजद नेता जगदानंद सिंह का राम मंदिर को लेकर यह बयान उस वक्त सामने आया है, जब गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ऐलान किया है कि 1 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा।

अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की घोषणा के बाद ही बिहार की सियासत गरमा गई है। जगदानंद सिंह के बयान से पहले जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का बयान भी सामने आया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि 'भूखे पेट न भजन होइहें गोपाला'। अगर देश के प्रधानमंत्री बेरोजगारों के लिए रोजगार का वादा पूरा कर देते तो अच्छा होता। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने राम मंदिर के दर्शन की तारीख तो बताई लेकिन यदि वह 180000000 बेरोजगारों को रोजगार देने की तारीख भी बता देते तो अच्छा होता।
 
तो वहीं, बिहार आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा, 'भारत में राम को लोगों के दिलों में से छीन कर सिर्फ पत्थरों के आलीशान भवन में बैठाया नहीं जा सकता। हम लोग हे राम वाले हैं जय श्री राम वाले नहीं हैं।' उन्होंने आगे बोलते हुए कहा, 'नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, इस देश में इंसानियत से बड़ा उन वादियों के राम बचे हुए हैं। अब लोगों, गरीबों, अयोध्या के राम, शबरी के जूठन खाने वाले राम नहीं हैं बल्कि पत्थरों के भीतर कैद रहने वाले राम रहेंगे।'
 

कण-कण में बसे हैं भगवान राम
जगदानंद सिंह ने बोलते हुए कहा कि राम भारत के कण-कण में बसे हैं। पूरा भारत ही राम का है। जब राम सबके दिलों में हैं तो उन्हें भारतवासियों के दिलों से छीन कर सिर्फ पत्थरों के आलीशान भवन में नहीं बैठाया जा सकता। उन्होंने कहा कण-कण से समेट कर राम उस चारदीवारी में चले गए, ये किसके राम हैं। श्रीराम ना तो अयोध्या में है और ना ही लंका में बल्कि श्री राम शबरी की कुटिया में रहते हैं। अब श्रीराम वाले लोग उन्हें अपने दिल से निकाल कर मंदिरों में बैठा रहे हैं।

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