अयोध्या में साढ़े छह हजार मुर्तियों पर काम शुरू, अत्याधुनिक लाइटिंग से चमकेगा राम मंदिर
अयोध्या
राम मंदिर भवन निर्माण समिति की बैठक में कई अहम फैसले पर मुहर लगाई गई। बैठक में राम मंदिर के लोअर प्लिंथ, दीवार सहित परकोटे पर रामायण प्रसंगों के चित्रण के संयोजन के लिए एक कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी प्रसंगों का भी निर्धारण करेगी। फिलहाल इस वृहद योजना पर मूर्तिकारों और चित्रकारों ने स्केच या रेखाचित्रों का निर्माण शुरू कर दिया है। इसकी पुष्टि करते हुए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर के स्तम्भों में ही साढ़े छह हजार मूर्तियां बननी है।
उन्होंने बताया कि राम मंदिर के भूतल सहित तीन तलों में करीब चार सौ स्तम्भ लगाए जाने है। प्रत्येक खंभे में 16-16 मूर्तियों का निर्माण कराया जाएगा। इसी तरह से लोअर प्लिंथ, दीवार एवं परकोटे में भी रामायण प्रसंग चित्रित किए जाएंगे। उन्होंने मंदिर में आधुनिक लाइटिंग व्यवस्था पर कहा कि अभी निर्माण की अवस्था है जिसमें प्रस्ताव आ रहे है और उनका परीक्षण भी किया जा रहा है लेकिन निर्णय के स्तर पर कुछ नहीं है। फिलहाल बैठक के दौरान गुरुवार की शाम अत्याधुनिक लाइटिंग को लेकर अलग-अलग कंपनियों के इंजीनियरों ने अपना प्रजंटेशन दिया। इसी तरह से वायरलेस साउंड सिस्टम पर भी मंथन किया गया है। यह साउंड सिस्टम सूचना प्रसारण के साथ भक्ति मय वातावरण के निर्माण में भी सहायक होगा।
दूसरे तल पर निर्माण का निर्णय होना बाकी
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य अभियंता जगदीश आफले ने बताया कि सबसे पहले राम मंदिर का गर्भगृह होगा। फिर गूढ़ मंडप, जो पूरी तरह से पैक रहेगा। वहीं नृत्य मंडप और रंगमंडप का क्षेत्र खुला होगा। प्रथम तल पर राम दरबार विराजित होगा। वहीं मंदिर के दूसरे तल पर क्या होना है इसको लेकर अभी ट्रस्ट मंथन करने में जुटा हुआ है। इंजीनियरों का मानना है कि भारत में शायद ही किसी मंदिर के नींव के निर्माण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। बताया गया कि तकनीक व भव्यता के लिहाज से राम मंदिर देश के चुनिंदा मंदिरों में होगा। एक हजार साल तक अक्षुण्ण भी रहेगा।