SBI के पूर्व चेयरमैन का अनुमान, बजट में सकार का फोकस एग्रीकल्चर और इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहेगा
नई दिल्ली
सरकार को अगले यूनियन बजट में एग्रीकल्चर और रूरल एरिया के लिए ज्यादा आवंटन करना चाहिए। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए। SBI के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने यह सलाह दी है। कुमार ने अगले बजट और इकोनॉमी को लेकर कई अहम बातें बताईं। अगले यूनियन बजट में सरकार के फोकस के बारे में उन्होंने कहा कि चूंकि इलेक्शन करीब है, जिससे मेरा मानना है कि ग्रामीण इलाकों पर सरकार का ज्यादा फोकस होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी सरकार आवंटन बढ़ाएगी, जो मौजूदा स्थिति को देखते हुए सही एप्रोच होगा।
यह मोदी 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट पेश करेंगी। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले यह केंद्र सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। इलेक्शंस के बाद केंद्र की नई सरकार फाइनेंशियल ईयर 24-25 का पूर्ण बजट पेश करेगी।
कोरोना के दैरान भी सरकार का फोकस फिस्कल डेफिसिट पर
कुमार अभी BharatPe के चेयरमैन हैं। उन्होंने फिस्कल डेफिसिट को नियंत्रण में रखने के लिए सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'अगर आप व्यापक नजरिए से देखें तो इसके लिए सरकार को क्रेडिट देना पड़ेगा। यहां तक कि कोरोना महामारी के दौरान भी सरकार का फोकस फिस्कल डेफिसिट पर बना हुआ था।' माना जा रहा है कि इस वित्त वर्ष में सरकार का फिस्कल डेफिसिट बजट में तय टारगेट को पार नहीं करेगा।
टैक्स कलेक्शंस में उछाल से खर्च बढ़ाने की गुंजाइश
कुमार ने कहा कि कोरोना की महामारी के दौरान सरकार पर खर्च बढ़ाने का दबाव था। इसके बावजूद उसने फिस्कल डेफिसिट पर अपनी नजर बनाए रखी। उन्होंने कहा, 'यह चाहे जिसने भी किया हो, अब उसके नतीजें हम देख रहे हैं। मेरा अब भी यह मानना है कि इलेक्शंस ईयर होने के बावजूद सरकार फिस्कल डेफिसिट को लेकर समझौता नहीं करेगी। यह अच्छी बात है कि इकोनॉमी फिर से कोरोना से पहले की स्थिति में आ गई है। टैक्स कलेक्शंस में अच्छी ग्रोथ से सरकार के पास खर्च करने की गुंजाइश है।