असाध्य रोग बना राजधानी का अतिक्रमण : रिजवी
रायपुर
मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने शासन-प्रशासन का ध्यान आकर्षित कर कहा है कि आजकल शासकीय भूमि पर लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण पर यदि लगाम नहीं लगाई गई तो भविष्य में शासकीय भूमि देखने को ही नहीं मिलेगी। माले मुफ्त दिले बेरहम की तर्ज पर हो रहे हैं अतिक्रमण, इनमें वार्ड स्तर के अधिकांश जनप्रतिनिधियों की मौन भूमिका शंकास्पद हो चुकी है। बेजा कब्जा असाध्य रोग की तरह फैलता ही जा रहा है। इसका इलाज करने में स्थानीय प्रशासन असहाय सिद्ध हो चुका है।
रिजवी ने कहा है कि राजधानी की सड़कों पर ठेला, खोमचा, गुमठी की बढ़ती संख्या से अतिक्रमण पूरे शहर में फैलता ही जा रहा है। आउटर के वार्डों में बेजा कब्जाधारियों ने अतिक्रमण की मुहिम को व्यवसाय का रूप दे दिया है। सड़के इसके कारण संकरी होती जा रही है तथा सुगम यात्रा के मार्ग में रूकावट भी बन रही है। पेशेवर बेजा कब्जाधारियों की निकल पड़ी है। वार्ड पार्षदों को इस मुहिम को रोकने सामने आना चाहिए तथा वार्ड में हो रहे बेजा कब्जा व्यवसाय को रोकने में सक्रियता दिखाते हुए नगर निगम को तत्काल अतिक्रमण की सूचना देकर ही अतिक्रमणों को रोका जा सकता है। नगर निगम शहर के वार्ड पार्षदों को अतिक्रमण को रोकने सजग रहने की हिदायत दें। निगम से हिदायत के बाद भी अतिक्रमण नहीं रूकता है तो उसे पार्षद की मौन स्वीकृति माना जाएगा। यातायात को यदि सुगम बनाना है तो कड़े कदम उठाना ही पड़ेगा। वर्तमान में भेडि?ाधसान यातायात व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करने की महती आवश्यकता है।