नक्सली हत्या पर छग में नही होता विरोध, सीमापार हत्या पर नक्सलियों का हो रहा हैं विरोध
सुकमा
छग की सीमा से लगे आंध्रप्रदेश के बुरकनकोठा गांव में नक्सलियों द्वारा ग्रामीण की हत्या के बाद नक्सलियों के खिलाफ बड़ी संख्या में ग्रामीण सड़क पर उतरे। तीन किमी लंबी पैदल मार्च कर ग्रामीणों ने नक्सलियों के खिलाफ हाथों में बैनर-पोस्टर लिये विरोध जताया। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ सीमा में ग्रामीणों की हत्या के बाद इस तरह के विरोध के स्वर देखने को नही मिलता है। छत्तीसगढ़ में ठीक इसके विपरीत ग्रामीणों की हत्या के बाद विरोध के स्वर की बात तो होती ही नही है, यहां ग्रामीण इतने डरे सहमें हुए होते है कि नक्सली हत्या की जानकारी पुलिस को तक नही देते हुए अंतिम संस्कार तक कर दिया जाता है।
उल्लेखनिय है कि आंध्र प्रदेश के चिंतुर में शनिवार को मृतक के परिजनों के साथ आस-पास गांव के सैड़कों ग्रामीणों ने नक्सलियों के खिलाफ रैली निकाली। चिंतुर थाने से रैली की शुरूआत हुई जो चट्टी में जाकर खत्म हुआ। ग्रामीणों ने रैली निकाल नक्सलियों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। पैदल मार्च के दौरन विरोधी नारे भी लगाये। दरअसल नक्सलियों ने 4 जनवरी को बुरकनकोठा गांव में रहने वाले सोयम सुब्बैया की पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद नक्सलियोंं के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा भड़क गया है।