नर्सिंग कॉलेज:सत्र की फीस निर्धारित नहीं होने से विद्यार्थियों की स्कालरशिप पर खतरा मंडराएगा
भोपाल
प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति सूबे के 255 नर्सिंग कॉलेजों की आगामी तीन सत्रों की फीस निर्धारित करनी है। आगामी सत्र 2022-23, 2023-24 और 2024-25 की फीस निर्धारित करने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि निकल गई है। कॉलेज अपनी फीस फिक्स कराने फीस कमेटी नहीं पहुंचते हैं तो उन्हें प्रवेश करने काउंसलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा। इससे उनके विद्यार्थियों को मिलने वाली स्कालरशिप भी खतरा मंडराएगा।
250 नर्सिंग कॉलेजों ने कमेटी में नहीं किए आवेदन
सूबे के 250 नर्सिंग कालेज अपनी वर्तमान, पिछली फीस और औसतन फीस फिक्स कराने के लिए फीस कमेटी को आवेदन नहीं कर पाए हंै। सिर्फ पांच कालेजों के आवेदन कमेटी में जमा हुए हंैं। कालेजों को गत वर्ष हुए खर्चे के हिसाब से ही फीस मिलेगी। इससे उनकी फीस में काफी कटौती हो सकती है। कालेजों ने आवेदन ही नहीं किए हैं और जिन पांच कालेजों ने आवेदन किए हैं। उन्हें मप्र मेडिकल विवि जबलपुर से संबद्धता नहीं मिली है। इससे उनकी फीस भी फीस कमेटी निर्धारित नहीं करेगी। सभी कालेज मप्र नर्सिंग काउंसिल से मान्यता, विवि से संबद्धता और अपनी गत वर्ष की बैलेंस शीट ले आते हैं, तो कमेटी आवेदन की तिथि बीतने के बाद भी उनके आवेदन स्वीकार कर छात्रहित में फीस निर्धारित करेगी। इसका फायदा विद्यार्थियों को मिलेगा। उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के हिसाब से फीस जमा करना होगी। इसी लिहाज से फीस कमेटी ने आगामी तीन सत्र 2022-23, 2023-24 और 2024-25 की फीस निर्धारित करने के मापदंड तैयार किए हैं। इससे कालेज विद्यार्थियों से मनमानी नहीं बल्कि सही फीस ही ले पाएंगे। फीस फिक्स नहीं होने पर उनके विद्यार्थियों को स्कालरशिप मिलने में काफी परेशानी तक हो सकती है।
स्कालरशिप में आएगी परेशानी
कालेज फीस फिक्स कराने के कमेटी नहीं आते हैं, तो अपने प्रवेशित विद्यार्थियों की स्कालरशिप दिलाने में काफी कठिनाई आएगी। क्योंकि कई कालेज विद्यार्थियों को स्कालरशिप के आधार पर प्रवेश दे देते हैं। आदमजाति कल्याण और अन्य स्कालरशिप देने वाले विभागों ने फीस कमेटी द्वारा फीस निर्धारित होने के बाद ही स्कालरशिप देने के आदेश जारी कर रखे हैं। जब फीस कमेटी उन्हें फीस फिक्स करने का पत्र नहीं देगा। विभाग उनकी स्कालरशिप जारी नहीं करेंगे।
कालेजों को फीस निर्धारित कराने के लिऐ विवि की संबद्धता और काउंसिल से मान्यता के साथ उन्हें पिछले साल की बैलेंस सीट देना होगी। उक्त दस्तावेजों के अभाव में उनकी फीस तय नहीं की जाएगी।
रविंद्र आर कान्हेरे, अध्यक्ष, फीस कमेटी