गोविंदगढ़ तालाब को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा कलेक्टर
गोविंदगढ़ तालाब में होंगे वाटर स्पोर्ट्स तथा चलेंगी नौकाएं
रीवा
रीवा जिला प्राकृतिक सौन्दर्य तथा ऐतिहासिक स्थलों से भरपूर जिला है। जिले के चचाई प्रपात, बहुती प्रपात, क्योटी प्रपात तथा पुरवा प्रपात पर्यटकों के पसंदीदा पर्यटन स्थल हैं। देउर कोठार के बौद्ध स्मारक, भैरव बाबा, महामृत्युंजय मंदिर, वेंकट भवन तथा देवतालाब शिव मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल भी पर्यटन का केन्द्र हैं। रीवा के समीप स्थित महाराजा मार्तण्ड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। यहाँ तक कि रीवा-सीधी मार्ग में मोहनिया घाटी में बनाई गई टनल में भी छुट्टियों में बड़ी संख्या में लोग घूमने जाते हैं। कलेक्टर मनोज पुष्प ने जिले की पर्यटन संभावनाओं के संबंध में बताया कि रीवा जिले में पर्यटन की अपार संभावना है। व्हाइट टाइगर सफारी आने वाले पर्यटकों को गोविंदगढ़ तालाब तक भ्रमण कराने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए गोविंदगढ़ तालाब में पर्यटन की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
कलेक्टर ने बताया कि गोविंदगढ़ तालाब रमणीय झील है। इसके पाश्र्व में कैमूर पहाड़ियाँ हैं। तालाब के किनारे ऐतिहासिक गोविंदगढ़ किला है। महाराजा मार्तण्ड सिंह ने दुनिया के प्रथम सफेद बाघ मोहन को इसी गोविंदगढ़ किले में रखा था। सफेद बाघों की मोहन द्वारा वंश वृद्धि गोविंदगढ़ किले में ही की गई थी। इसलिए व्हाइट टाइगर सफारी में सफेद बाघ देखने के लिए आने वाले पर्यटक सफेद बाघों की जन्मस्थली अवश्य देखना चाहेंगे। इसके साथ-साथ गोविंदगढ़ तालाब में नौकाएं और वाटर स्पोर्ट्स की सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा।
गत दिवस तालाब का निरीक्षण करके इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। विन्ध्य के गौरव तथा एक जिला एक उत्पाद योजना में चयनित सुंदरजा आम के वृक्ष भी गोविंदगढ़ तालाब के किनारे ही मुख्य रूप से स्थित हैं। तालाब के मध्य में स्थित टापू में मछलीपालन विभाग द्वारा बनाए गए गेस्ट हाउस को भी सजाया-संवारा जाएगा। गोविंदगढ़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।