नर्सरी से कामता प्रसाद बने लखपती
रीवा
कामता प्रसाद पटेल के पास 1.5 एकड़ खेती की जमीन है। कामता प्रसाद ने बताया कि पहले परंपरागत ढ़ग से धान एवं गेंहू की बोनी करता था। फसल इतनी होती थी कि परिवार का जीवन यापन हो जाता था लेकिन अपनी फसल बेच नहीं पाता था। बहुत दिनों तक प्रकृति आधारित खेती करता रहा लेकिन प्रचुर मात्रा में फसल नहीं होती थी। कामता प्रसाद ने बताया कि वे मऊगंज के ग्राम जमुनिया में रहते है। सेवानिवृत्त होने के पश्चात खेती-बाड़ी करनी शुरू की। उपज का अधिक लाभ न मिलने पर कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की उन्होंने फसल, मिट्टी एवं स्थानीय जलवायु का महत्व बताया और उन्नत तकनीक आधारित खेती करने की सलाह दी।
कामता प्रसाद ने बताया कि उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़कर उन्नत तकनीक आधारित खेती करने का निश्चय किया। अपने 1.5 एकड़ खेत में पूसा सदाबहार प्रजाति के मिर्च की, सब्जी एवं बसरई दर्वाफ किस्म के केले का बगीचा लगाया। उन्नत बीज के साथ वीटा वैक्स 1.5 ग्राम प्रति किलो बीज व नर्सरी के उपचार के लिये एनपीके खाद डाली उन्नत तकनीक के कारण 135 Ïक्वटल मिर्च का उत्पादन हुआ। बजार में 50 रूपये प्रति किलो के मान से 6.75 लाख रूपये की मिर्च बेची। नर्सरी में उत्पादन लेने पर मुझे अच्छा लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खेती के साथ उन्नत कृषि तकनीक का उपयोग करना विशेष लाभकारी है।