मेट्रो साइट पर मां, बेटे की मौत – 20 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की
बेंगलुरु
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने मेट्रो कार्य स्थल पर लोहे का खंभा गिरने से जान गंवाने वाले मां-बेटे के परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। बीएमआरसीएल ने ठेकेदार और इंजीनियरों को नोटिस जारी किया है। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) से जांच कर रिपोर्ट देने का अनुरोध किया गया है। आधिकारिक बयान में मंगलवार को कहा गया कि एक आंतरिक तकनीकी टीम भी मामले की जांच करेगी।
बयान में कहा गया, "आज सुबह 10.30 बजे जब पियर 218 पर स्टेजिंग और मैन वायर सपोर्ट के साथ सुदृढ़ीकरण का काम किया जा रहा था, तो एक मेन वायर टूट गया, जिससे खंभा केआर पुरम हेब्बल मुख्य कैरिज वे पर गिर गया।"
निगम ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बीएमआरसीएल को गहरा दुख हुआ है और वह पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है।
बीएमआरसीएल की लापरवाही की मृतक के परिजन व जनता ने जमकर आलोचना की।
घटना तब हुई, जब मृतक मेट्रो निर्माण स्थल से गुजर रहे थे। मरने वालों में 25 वर्षीय तेजस्विनी और उसका ढाई साल का बेटा विहान था। वे अपने पति और एक अन्य बच्चे के साथ बाइक पर जा रही थीं।
उन्होंने कहा, पीड़ित परिवार ने ठेकेदार और नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनसीसी) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। डीसीपी (पूर्व) भीमाशंकर गुलेड ने पुष्टि की है कि पुलिस को शिकायत मिली है। विशेषज्ञ लापरवाही पर एक रिपोर्ट देंगे।
अपर आयुक्त चंद्रशेखर ने बताया कि कार्य स्थल पर प्रथम दृष्टया लापरवाही और लौह स्तंभ लगाने में गड़बड़ी पाई गई है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की टीम निरीक्षण और सत्यापन करेगी।
पुलिस के मुताबिक, सिविल इंजीनियर लोहित कुमार अपनी पत्नी तेजस्विनी को मान्यता टेक पार्क के परिसर में उसके कार्यस्थल पर और दोनों बेटों को एक चाइल्ड केयर सेंटर छोड़ने जा रहे थे। लोहित कुमार और उनके दूसरे बेटे को मामूली चोटें आईं, वे चमत्कारिक रूप से बच गए।
तेजस्विनी और विहान को सिर में काफी चोटें आईं और ज्यादा खून बह जाने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया। तेजस्विनी धारवाड़ की रहने वाली थीं।
मृत बच्चे के दादा ने बताया कि उन्हें लोहित का फोन आया था, लेकिन जगह बंद होने के कारण वह मौके पर नहीं पहुंच सके। बाद में जब वह अस्पताल गए तो उन्हें अपने एक पोते और बहू की मौत की खबर मिली।
उन्होंने कहा, "मैं सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हूं। निर्माण कार्य अवैज्ञानिक तरीके से किया जाता है। कम से कम 30 मीटर की दूरी रखी जानी चाहिए। बीएमआरसीएल ने कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए हैं। कार्य स्थलों पर वाहनों को पांच से दस फीट की दूरी पर जाने की अनुमति है। लोहे का खंभा अगर किसी बस पर गिर जाता, तो कई लोगों की जान चली जाती। यह बहुत दुखद दिन है, मैं आगे कुछ भी कहने में सक्षम नहीं हूं।"
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्माण कार्य के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करेंगे। पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है।