दो पहिया, तीन पहिया वाहनों के निर्माण में भारत विश्व में प्रथम
ऑटोमोबाईल निर्माण के लिए मध्यप्रदेश सर्व-सुविधायुक्त स्टेट
‘‘जी.आई.एस. में ऑटोमोबाइल एंड इंजीनियरिंग’’ सेशन सम्पन्न
भोपाल
आदिकाल हो या वर्तमान जब हम विकास की बात करते हैं तो सबसे पहले परिवहन की बात होती है और परिवहन की बात करें तो यह हमारे लिए गर्व की बात है कि दो पहिया और तीन पहिया वाहनों के निर्माण में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है। इंदौर के ब्रिलिएन्ट कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के प्रथम दिन मध्यप्रदेश शासन के सहकारिता सचिव विवेक पोरवाल ने ‘‘ऑटोमोबाइल एंड इंजीनियरिंग’’ सेशन में बताया कि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में भारत दुनिया में टॉप 5 देशों में चीन, यूनाईटेड स्टेट और जापान के बाद चौथे स्थान पर है। उसके बाद साउथ कोरिया का स्थान है। ऑटोमोबाईल के क्षेत्र में पोरवाल के बाद राजेन्द्र सिंह सचदेवा, सुधीर मेहता, अजय सेबाकारी और गौरव तनेजा ने अपने अनुभव साझा किेये।
मध्यप्रदेश ऑटोमोबाईल के लिए सर्वसुविधायुक्त
सचिव पोरवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश ऑटोमोबाईल के क्षेत्र में निवेश करने वालों को समस्त सुविधाएँ 30 दिनों के अंदर प्रदान करेगा। प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए समस्त आवश्यक 45 सेवाएँ देने के लिए 9 विभागों का समूह तैयार है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत 24 दिनों के अंदर उद्योग के लिए भूमि का आवंटन किया जाएगा। मध्यप्रदेश में ईटीपी, यूटीप जू जैसी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों की स्थापना के लिए ग्रीन औद्योगीकरण में सहायता के साथ पॉवर टैरिफ छूट और बिजली ड्यूटी छूट का प्रावधान,इलेक्ट्रिकल वाहनों के लिए विशेष पैकेज और विकलांग को रोजगार की पहल पर प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
सवा लाख एकड़ का लैण्ड बैंक सुरक्षित
सहकारिता सचिव पोरवाल ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में इन्वेस्टर्स के लिए सवा लाख एकड़ का लैण्ड बैंक सुरक्षित रखा गया है। ऑटोमोबाईल क्षेत्र में सड़कों की सुगमता अत्यधिक आवश्यक है। सुव्यवस्थित एवं सुरक्षितपरिवहन के लिए प्रदेश में 3 लाख कि.मी. क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछा हुआ है। प्रदेश में तकनीकी क्षेत्र में मेन पॉवर की कमी नहीं है। दो लाख टेक्निकल ग्रेज्युएट युवा प्रतिवर्ष उपलब्ध हैं। बिजली की बात करें तो प्रदेश में 25 हजार 800 मेगावाट बिजली अतिरिक्त रूप से उपलब्ध है। साथ ही 100 एम.सी.एम. पानी औद्योगिक क्षेत्रों के लिए उपलब्ध हैं। यूँ कहें कि एक उद्योग के लिए आवश्यक बिजली, पानी जमीन, मेन पॉवर और पर्चेजर सभी मध्यप्रदेश में उपलब्ध है।