बिहार के शिक्षा मंत्री अपने बयान पर अडिग, कहा- हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं, मैंने कुछ गलत नहीं कहा
पटना
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर किए गए अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने फिर बोला कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है। हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं। इसलिए हम अपने बयान पर कायम हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर रामचरितमानस को लेकर किए गए अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने फिर बोला कि मैंने कुछ गलत नहीं कहा है। गुरुवार को चंद्रशेखर यादव ने भीमराम अंबेडकर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने जिस शख्स को ज्ञान का प्रतीक कहा, उन भीमराव अंबेडकर ने मनुस्मृति क्यों जलाई? हम उस राम के भक्त हैं जो शबरी के झूठे बेर खाते हैं उसके नहीं जो शंबूक का वध करे।
प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि रामचरितमानस में मेरे बयान को लेकर मेरी जीभ काटने पर फतवा दिया गया है। हमारे पुरखे जीभ कटवाते रहे हैं। इसलिए हम अपने बयान पर कायम हैं। जब मैंने कुछ गलत नहीं कहा तो मैं पीछे क्यों हटूं? चंद्रशेखर यादव ने कहा कि मैंने जो बोला वो सही है। रामचरितमानस में जाति के नाम पर अपमानित किया गया है कि नहीं। हम अपने बयान पर अडिग है। रामचरितमानस के उस छंद जिसमें वंचितों को अपमानित किया गया है उसके खिलाफ हैं।
बिहार के शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा कि रामचरितमानस के कई छंद अच्छे हैं। जो नमन योग्य है। हम हे राम वाले हैं। जय श्री राम वाले… बलवा फैलाने वाले नहीं हैं। मैंने पूरी रामचरितमानस के लिए नहीं कहा हूं। जो जाति के नाम पर अपमान परोसता है उसके बारे में कहा है। दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री ने बुधवार को कहा था कि तीन ग्रंथ हैं जो समाज में नफरत फैलाते हैं। मंत्री ने दावा किया है कि 'मनुस्मृति', 'रामचरित मानस' और आरएसएस के दूसरे प्रमुख एमएस गोलवरकर की 'बंच ऑफ थॉट्स' ग्रंथ ने समाज में नफरत फैलाई।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के इस बयान पर बवाल मच गया है। चंद्रशेखर यादव ने कहा कि रामचरितमानस में कहा गया कि निचली जातियों के लोगों को शिक्षा का कोई अधिकार नहीं है। यह बताया गया है कि निचली जाति के लोग शिक्षा हासिल करने के बाद सांप के समान जहरीले हो जाते हैं, जो दूध पीने के बाद और अधिक जहरीले हो जाते हैं। जिसके बाद विपक्ष समेत साधू-संतों में चंद्रशेखर के इस बयान को लेकर घोर नाराजगी व्याप्त है। लेकिन चंद्रशेखर ने एक बार फिर कहा कि वो अपने बयान पर अडिग है।