विलुप्त हो रहे राज गिद्ध चित्रकूट के जंगलों में मिले, गोरखपुर लाया जाएगा
चित्रकूट
चित्रकूट के रानीपुर टाइगर रिजर्व के जंगलों में विलुप्त हो रहे राजगिद्धों की खोज में गोरखपुर स्थित प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र की नौ सदस्यीय टीम पहुंची है। टीम पिछले कई दिनों से यहां पर डेरा डाले हुए है। अब तक टीम ने तीन राजगिद्धों को पकड़ा है। जिनको टीम गोरखपुर लेकर जाएगी। वहां पर इनका संरक्षण करते हुए प्रजनन को बढ़ाने का काम किया जाएगा।
राज गिद्ध प्रजाति के गिद्धों की गर्दन लाल होती है। यह प्रजाति धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है। यहां पर पाठा के जंगलों में इन गिद्धों को अक्सर देखा गया है। जिनकी तलाश में गोरखपुर से टीम आई है। राज गिद्धों का प्रजनन एवं संरक्षण केन्द्र गोरखपुर में संचालित है। यह एशिया का पहला केंद्र है। डाक्टर दुर्गेश यादव के नेतृत्व में नौ सदस्यीय टीम एक सप्ताह से डे़रा जमाए हुए है। टीम अपने साथ तीन ट्रैपर भी लाई है। जिसके जरिए गिद्धों को पकड़ते है। यह एक जाल सरीखे होता है।
यह टीम मानिकपुर और मारकुंडी क्षेत्र के जंगलों में गिद्धों को पकड़ रही है। रानीपुर टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक आरके दीक्षित ने बताया कि टीम अभी तक तीन राज गिद्धों को पकड़ने में सफल हुई है। गिद्धों को मारकुंडी, देवांगना आदि जंगलों से पकड़ा गया है। पकड़े गए गिद्ध में नर-मादा का एक जोड़ा भी है। टीम दो जोड़ा गिद्ध पकड़ने के प्रयास में है। बताया कि पकड़े गए गिद्धों को टीम गोरखपुर स्थित प्रजनन एवं संरक्षण केंद्र लेकर जाएगी। क्योंकि लाल गर्दन वाले राज गिद्ध विलुप्त होते जा रहे है। जिनका संरक्षण कर प्रजनन बढ़ाया जाना है।